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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
الايمان والتوحيد والدين والقدر
  ایمان توحید، دین اور تقدیر کا بیان  
तौहीद पर ईमान, दीन और तक़दीर
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نمبر ابواب فہرست کل احادیث احادیث تفصیل
1
“ अल्लाह तआला की महान क़ुदरत और विशाल बादशाहत ”
1 1
2
“ अल्लाह तआला के कभी ख़तम न होने वाले ख़ज़ाने ”
1 2
3
“ कायनात के सारे काम अल्लाह तआला की मर्ज़ी से होते हैं ”
5 3 سے 7
4
“ अल्लाह तआला की रहमत और क्रोध के बारे में ”
1 8
5
“ अल्लाह तआला की ज़ात की बजाए उसकी नअमतों पर ग़ौर करना चाहिए ”
1 9
6
“ अल्लाह तआला के ईश्वर होने और रसूल अल्लाह ﷺ के रसूल होने की गवाही देने की फ़ज़ीलत ”
3 10 سے 12
7
“ पांच मामलों के बारे में केवल अल्लाह ही जनता है ”
1 13
8
“ तौहीद : अल्लाह एक और अकेला है यह विश्वास करने के नियम ”
1 14
9
“ तौहीद : अल्लाह एक और अकेला है यह विश्वास करने की बरकतें ”
6 15 سے 20
10
“ सारे कर्मों का आधार तौहीद है यानि अल्लाह को एक और अकेला मानना है ”
2 21 سے 22
11
“ अल्लाह तआला को याद करने का कारण ”
1 23
12
अल्लाह तआला को याद करने का फल
1 24
13
अल्लाह तआला को किस ने पैदा किया ، इसका जवाब
9 25 سے 33
14
«لا إله إلا الله» ज़्याद कहने की नसीहत और इसका कारण
1 34
15
अल्लाह तआला को एक और अकेला ईश्वर मानने और रसूल अल्लाह ﷺ को अल्लाह का रसूल मानने का हुक्म
1 35
16
मरने वाले को कलिमह शहादत पढ़ने की नसिहत करना
1 36
17
शिर्क क्या है ، इसके प्रकार और इसका बोझ
1 37
18
क्या तोबा किये बिना मर जाने वाले मुसलमानो को क्षमा कर दिया जाएगा ?
2 38 سے 39
19
इस्लाम स्वीलकार करने के बाद पलट जाना पाप है और क्या इस की तोबा मुमकिन है
1 40
20
सवाब कैसे पहुंचाया जा सकता है
1 41
21
“ काफ़िरों को मरने के बाद उनके नेक कर्म कोई लाभ नहीं पहुंचाते ”
1 42
22
“ इस्लाम लाने के बाद जाहिलियत के समय में की गई नेकियों की एहमियत ”
4 43 سے 46
23
“ अगर कोई मुसलमान हज्ज करने के बाद इस्लाम छोड़ दे और फिर से मुसलमान हो जाए तो क्या उसका किया हुआ हज्ज काफ़ी होगा ”
2 47 سے 48
24
“ इस्लाम लाने के बाद पिछले पापों की पूछताछ कब की जाएगी ”
2 49 سے 50
25
“ ईमान लाने वाले अहले किताब और मुशरिकों के बदले और सवाब में अंतर ”
1 51
26
“ वह लोग जन्हें अल्लाह तआला पसंद नहीं करता है ”
1 52
27
“ अल्लाह तआला के सिवा किसी और की क़सम खाना मना है ”
4 53 سے 56
28
“ बड़े पापों से बचने की नसिहत ”
1 57
29
“ परीक्षाएँ इस उम्मत की तक़दीर हैं ”
1 58
30
“ सबसे अच्छा दीन ”
1 59
31
“ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत के लिए तय की गई शरीअत आसान है ”
1 60
32
“ बीच रस्ते पर चलते रहने की नसिहत और तरीक़ा ”
1 61
33
“ दीन मैं हद से आगे जाना मना है ”
1 62
34
“ तक़दीर के बारे में ”
10 63 سے 72
35
“ तक़दीर सच है, लेकिन इन्सान का विकल्प ”
5 72 سے 76
36
“ तक़दीर के बारे में बात करने वाले अच्छे लोग नहीं ”
1 77
37
“ पैदा किये जाते समय ईमान या कुफ़्र का फ़ैसला ”
1 78
38
“ प्रचारकों के गुण ”
1 79
39
“ नेकी का बदला दस से सात सो गुना अधिक ”
3 80 سے 82
40
“ आदमी अपने मरने की जगह कैसे पहुंचता है ? ”
1 83
41
“ वही उतरते समय आसमान वालों के बारे में ”
2 84 سے 85
42
“ शैतान वही यानि आसमान की बातें कैसे जान लेते हैं ”
1 86
43
“ ईमान के लक्षण ”
1 87
44
“ बुराइयों के कारण ईमान में कमी आजाती है ”
1 88
45
“ बुरे इन्सान का ईमान कैसे चला जाता है ”
1 89
46
“ नेकी और बुराई का कैसे पता चलता है ”
1 90
47
“ पाप किसे कहते हैं ”
1 91
48
“ मोमिन पर लाअनत करने की निंदा ”
1 92
49
“ किसी को काफ़िर कहने से बचना ”
2 93 سے 94
50
“ मुसलमानों में बाक़ी रह जाने वाली जाहिलियत की विशेषताएं ”
5 95 سے 99
51
“ ग्रहों और सितारों में विश्वास ( ज्योतिष विद्या ) के बारे में ”
3 100 سے 102
52
“ क़यामत के दिन बहरे, पागल और बहुत बूढ़े इन्सान की दोबारा परीक्षा ”
1 103
53
“ हर नेक कर्म किया जाए चाहे वह पसंद न हो ”
1 104
54
“ इबादत के समय इबादत करने वाले के बारे में ”
3 105 سے 107
55
“ दुनिया में मोमिन एक परदेसी यानी यात्री है ”
1 108
56
“ जीवन में मोमिन अपने आप को क्या समझे ”
2 109 سے 110
57
“ अल्लाह तआला के अज़ाब से बचाओ और जन्नत में जाने के कारण ”
1 111
58
“ मोमिन के दिखाई देने वाले लक्षण ”
1 112
59
“ हर समय और हर जगह अल्लाह तआला को याद करना ”
1 113
60
“ हर बुराई के बाद नेकी करने की नसीहत ”
1 114
61
“ सब्र और दान पूण भी ईमान में आते हैं ”
2 115 سے 116
62
“ शर्म और हया भी ईमान है ”
1 116
63
“ अल्लाह के लिए दोस्ती और दुश्मनी रखना ईमान की मज़बूत कड़ी है ”
2 117 سے 118
64
“ ईमान और जिहाद सबसे अफ़ज़ल कर्मों में से हैं ”
1 119
65
“ इस्लाम ، जिहाद और हिजरत के प्रकार ”
1 120
66
“ अफ़ज़ल हिजरत ”
1 121
67
“ सफलता का रहस्य ”
1 122
68
“ तौरात में रसूल अल्लाह ﷺ के बारे में ”
1 123
69
“ चार मना कर दिए गए मामले ”
1 124
70
“ इस्लाम में समझदारी के बारे में ”
1 125
71
“ किसी की इबादत करने का अर्थ « اتَّخَذُوا أَحْبَارَهُمْ وَرُهْبَانَهُمْ أَرْبَابًا مِّن دُونِ اللَّـهِ » [ सूरत अत-तौबा:31] की तफ़्सीर ] ”
1 126
72
“ कब तक लोगों से जंग की जाए ”
5 127 سے 131
73
“ इस्लाम के विभिन्न नियम ”
1 132
74
“ इस्लाम स्वीकार करने के बाद मुसलमानों के लिए हानिकारक ”
1 133
75
“ मर चुके मोमिनों की आत्माओं की जगह ”
1 134
76
“ मुसलमानों की शरू की और बाद की हालत ”
1 135
77
“ विदा करने की दुआ ”
1 136
78
“ अल्लाह के क़रीब आने के कारण अल्लाह के दोस्तों की निशानियां और उन से दुश्मनी करने वालों का बुरा अंत अल्लाह तआला की अच्छाई “تردد ” के बारे में ”
1 137
79
“ अल्लाह तआला से कल्पना करने के बारे में ”
2 138 سے 139
80
“ सूरत अल-माइदा (44) « وَمَن لَّمْ يَحْكُم بِمَا أَنزَلَ اللَّـهُ فَأُولَـٰئِكَ هُمُ الْكَافِرُونَ » (47) « وَمَن لَّمْ يَحْكُم بِمَا أَنزَلَ اللَّـهُ فَأُولَـٰئِكَ هُمُ الظَّالِمُونَ » (45) « وَمَن لَّمْ يَحْكُم بِمَا أَنزَلَ اللَّـهُ فَأُولَـٰئِكَ هُمُ الْفَاسِقُونَ » की तफ़्सीर ”
2 140 سے 141
81
“ क्या बुरा आदमी दीन का माध्यम बन सकता है ”
1 142
82
“ क़त्ल करने वाला और क़त्ल होने वाला दोनों जन्नत में ”
1 143
83
“ हर सो साल के बाद दिन का फिर से ताज़ा होना ”
1 144
84
“ हर कारीगर को और उस के हुनर यानि काम को अल्लाह तआला पैदा करता है ”
1 144
85
“ अल्लाह के लिए नियत करना कर्म स्वीकार होने का आधार बनती है ”
1 145
86
“ दिखावा छोटा शिर्क है ”
1 146
87
“ दिखावा करने वाला ، शहीद ، दानी ، क़ारी और ज्ञानी का अंत ”
1 147
88
“ लोकप्रियता कि इच्छा करना बोझ है ”
1 148
89
“ अल्लाह तआला से ईमान को ताज़ा करने कि दुआ करना ”
1 149
90
“ मुसलमान किसी बंदे के बुरा या नेक होने के गवाह हैं ”
1 150
91
“ ईमानदारी से किये गए नेक कर्मों को वसीला बनाना ... गुफा वालों का क़िस्सा ”
1 151
92
“ मदीना और मक्का दज्जाल से सुरक्षित हैं ”
1 152
93
“ अज़ल ! यानि परिवार नियोजन का परिचय और हुक्म ”
2 153 سے 154
94
“ क्या तअवीज़ लटकाना यानि तअवीज़ गंडा शिर्क है ”
1 155
95
“ रसूल अल्लाह ﷺ का फ़रमान सहाबा के लिए काफ़ी होना ”
1 156
96
“ अरब कि ज़मीन से शैतान का निराश हो जाना ”
2 157 سے 158
97
“ मक्का पर विजय के दिन इब्लीस कि हालत ”
1 159
98
“ शैतान की चालबाज़ी और शैतान की बात ना मानने पर जन्नत कि ख़ुशख़बरी ”
1 160
99
“ नज़र लग जाना सच है ”
3 161 سے 163
100
“ बनि सक़ीफ़ का झूठा और घातक ”
1 164
101
“ आदम कि औलाद के दिलों का अल्लाह तआला के क़ाबू में होना ”
1 165
102
“ उम्मत का रसूल अल्लाह ﷺ के दर्शन की इच्छा करना ”
1 166
103
“ इस्लाम की निशानियां ”
2 167 سے 168
104
“ हमारे लिए किसी का ईमान और कुफ़्र जानने के लिए उसका कहना काफ़ी है ”
1 169
105
“ हर दुश्मन से बचाने वाला अल्लाह तआला है ، रसूल अल्ल्हा ﷺ का निजी बदला न लेना ”
1 170
106
“ अल्लाह तआला और रसूल अल्लाह ﷺ से सुरक्षित होने की शर्तें ، ग़ैर मुस्लिम देश में रहना केसा है ، हिजरत का हुक्म बाक़ी है ”
1 171
107
“ मुशरिकों के साथ रहने की नहूसत ”
1 172
108
“ जहन्नम से दूर होने और जन्नत के क़रीब आने का तरीक़ा ”
1 173
109
“ रिज़्क़ कैसे माँगा जाए ”
2 174 سے 175
110
“ जिहाद क़यामत तक रहेगा ”
1 176
111
“ इस्लाम में सन्यास नहीं है ، जिहाद की फ़ज़ीलत ”
2 177 سے 178
112
“ रसूल अल्लाह ﷺ और आप की उम्मत की मिसाल ”
1 179
113
“ इस्लाम के बाद फिर से फ़ितनों का उभरना ”
1 180
114
“ « يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا عَلَيْكُمْ أَنفُسَكُمْ ۖ لَا يَضُرُّكُم مَّن ضَلَّ إِذَا اهْتَدَيْتُمْ » ( सूरत अल-माइदा:105 ) की तफ़्सीर ”
1 181
115
“ ईमान के भाग ”
1 182
116
“ यमनी लोगों के ईमान की फ़ज़ीलत ”
1 183
117
“ ईमान वालों की ताअरीफ़ और पूरब के लोगों की निंदा ”
1 184
118
“ रसूल अल्लाह ﷺ का जिन्नों को क़ुरआन पढ़ कर सुनना ”
1 185
119
“ हिरक़ल को इस्लाम की दावत के पत्र ، इस्लाम स्वीकार करने के मामले में रसूल अल्लाह ﷺ और सहाबा की विशेषताएं ”
1 186
120
“ ईमान की मिठास किस को नसीब होती है ”
2 187 سے 188
121
“ किन लोगों की इबादत स्वीकार नहीं की जाती ? ”
1 189
122
“ दोहरा सवाब पाने वाले तीन तरह के लोग ”
1 190
123
“ मौत का फरिश्ता पहले कैसे आता था और मूसा अलैहिस्सलाम का मौत के फ़रिश्ते को थप्पड़ मरना ”
1 191
124
“ जन्नत और जहन्नम दोनों हर इन्सान के क़रीब हैं ”
1 192
125
“ हलाल और हराम तो साफ़ है लेकिन शक वाली चीज़ों के बारे मैं ”
1 193
126
“ मालदार लोगों के पास नेकियां कम होती हैं ”
1 194
127
“ नमाज़ ، हज्ज और रमज़ान के रोज़ों की फ़ज़ीलत ”
1 195
128
“ हवा पानी अगर अच्छा न हो तो दूसरी जगह जाया जा सकता है ”
1 196
129
“ अच्छा सपना ”
1 197
130
“ बुरा सपना ”
1 198
131
“ « الَّذِينَ آمَنُوا وَكَانُوا يَتَّقُونَ لَهُمُ الْبُشْرَىٰ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَفِي الْآخِرَةِ » की तफ़्सीर ”
1 199
132
“ ऊँचा दर्जा और पापों का कफ़्फ़ारह बनने वाले कर्म और रसूल अल्लाह ﷺ का अल्लाह तआला को देखना ”
1 200
133
“ दोस्त आप की पहचान होता है ”
1 201
134
“ बच्चों का अंतिम मामला ”
3 202 سے 204
135
“ तीन प्रकार के बड़े पाप ”
1 205
136
“ बंदे की निराशा पर अल्लाह तआला का हंसना ”
1 206
137
“ नजाशी मुसलमान था ”
1 207
138
“ अल्लाह तआला का बंदे से क़र्ज़ मांगना ”
1 208
139
“ अल्लाह तआला के हाँ बंदे के कर्मों का बढ़ जाना ”
1 209
140
“ रसूल अल्लाह ﷺ को देखे बिना उन पर ईमान लाने वलों की फ़ज़ीलत ”
1 210
141
“ अच्छा शगुन लेना ”
4 211 سے 214
142
“ बुरा शगुन लेना मना है ”
7 215 سے 221
143
“ छूतछात का रोग ، बुरी फ़ाल ، नहूसत और नज़र लगने के बारे में ”
11 222 سے 232
144
“ ज्योतिष विद्या ”
4 233 سے 236
145
“ जादू करना मना है ”
2 237 سے 238
146
“ क्षमा किये जाने और न किये जाने वाले ज़ुल्म ”
1 239
147
“ क्या कोई चीज़ मनहूस हो सकती है ”
4 240 سے 243
148
“ नबवत की मुहर ”
1 244
149
“ बेसबरी और आत्महत्त्या के बारे में ”
1 245
150
“ वंश बदलना कुफ़्र है ”
1 245
151
“ शिर्क और क़त्ल क्षमा नहीं किया जाएगा ”
1 246
152
“ क़यामत के दिन रसूल अल्लाह ﷺ के नसबी और वैवाहिक रिश्ते बने रहेंगे ”
1 247
153
“ अच्छे और बुरे लोगों के रस्ते और ठिकाने अलग अलग हैं ”
3 248 سے 250
154
“ रसूल अल्लाह ﷺ किन मामलों को साथ लाए हैं ”
1 251
155
“ असरा (रात का सफ़र ) और मअराज के अवसर पर काफ़िरों का रसूल अल्लाह ﷺ का मज़ाक़ बनाना और निंदा करना ”
1 252
156
“ रसूल अल्लाह ﷺ पर ईमान न लेन वाले यहूदी और इसाई का अंजाम ”
2 253 سے 254
157
“ अगर दस यहूदी रसूल अल्लाह ﷺ पर ईमान ले आए तो ”
1 255
158
“ रसूल अल्लाह ﷺ के सहाबी की करामत और रिज़्क़ दें वाला अल्लाह है ”
1 256
159
“ तकलिफ़ होने पर बिस्मिल्लाह «بسم الله» कहने की फ़ज़ीलत ”
1 257
160
“ रसूल अल्लाह ﷺ की बरकतों का होना ”
1 258
161
“ अल्लाह तआला को ताअरीफ़ भी पसंद है और कारण भी ”
1 259
162
“ अल्लाह तआला का सब्र ”
1 260
163
“ ईमान में उतार चढ़ाओ मुनाफ़िक़त नहीं है ”
1 261
164
“ अपनी बढ़ाई और दुसरे को छोटा दिखाने के लिए पारिवारिक नाम का उपयोग करना मना है ”
1 262
165
“ मोमिन की मिसाल मधुमक्खी और खजूर के पेड़ की तरह है ”
2 263 سے 264
166
“ हर इन्सान को समय पर सहमत होना चाहिए और नेक कर्म करना चाहिए ، कौन सा भेदभाव निंदनीय है ”
1 265
167
“ पद संभालने वाले सतर्क रहैं अल्लाह तआला के नाम पर सवाल करने वाला या जिस से सवाल किया जाए दोनों लाअनती कैसे ”
1 266
168
“ नेकी की तरफ़ बुलाने वाले का सवाब और बुराई की तरफ़ बुलाने वाले का बोझ ”
1 267
169
“ किसी को मुसीबत में देखने की दुआ और उसका लाभ ”
1 268
170
“ किसी से अल्लाह तआला के लिए मुहब्बत करने का बदला ”
1 269
171
“ किस मुसलमान को अल्लाह तआला और रसूल अल्लाह ﷺ की ज़मानत दी गई है ”
1 270
172
“ अल्लाह तआला किस मुसलमान को क्षमा करता है ”
1 271
173
“ दुआ न करना अल्लाह तआला के ग़ुस्से का कारण है ”
1 272
174
“ एक मोमिन दुसरे मोमिन का दर्पण है ”
1 273
175
“ ईमान वालों की आपस की मुहब्बत के बारे में ”
2 274 سے 275
176
“ आपसी भाईचारा ، मुसलमान की बुराई छुपाना और तकलीफ़ दूर करने का सवाब ”
1 276
177
“ अगली नस्लों तक हदीसें पहुंचाने वाले और मुहद्दिसों की फ़ज़ीलत ، दुनिया की चिंता का अंजाम और आख़िरत की चिंता का नतीजा ”
1 277
178
“ लोग चार प्रकार और कर्म छे प्रकार के हैं ”
1 278
179
“ रसूल अल्लाहु ﷺ के हुक्म पर खजूर के गुच्छे का उन की तरफ़ आना ”
1 279
180
“ एक से बढ़ कर एक अफ़ज़ल ( अच्छे ) कर्म ”
1 280
181
“ ज़माने को गाली देना मना है ”
3 281 سے 283
182
“ मोमिन की फ़ज़ीलत ”
1 284
183
“ मोमिन का दूसरों के लिए भलाई पसंद करना ”
1 285
184
“ ईमान ، सच्चाई ، अमानत वाले दिल का कुफ़्र ، झूठ और ख़यानत से पाक होना ”
1 286
185
“ मोत के समय पापों से डरने के बारे में ”
1 287
186
“ अहंकार का अर्थ और निंदा ”
1 288
187
“ क़यामत से पहले बारह क़ुरेशी ख़लीफ़ाओं की ख़िलाफ़त का होना ”
1 289
188
“ हर ज़माने में एक जत्था सच्चे दीन पर बना रहेगा ”
1 290
189
“ मोमिन नसीहत लेता है ”
1 291
190
“ कुछ मोमिनों का रसूल अल्लाह ﷺ के पास आराम पाना और उनकी विशेषताएं ”
1 292
191
“ इब्लीस यानि शैतान को पैदा करने का कारण ”
1 293
192
“ बढ़ाई की परख रंग नसल और तक़वा है ”
1 294
193
“ « وَأَنذِرْعَشِيرَتَكَ الْأَقْرَبِينَ » की तफ़्सीर ”
1 295
194
“ ज़्यादा से ज़्यादा कितने रोज़े रखे जा सकते हैं ، रसूल अल्लाह ﷺ मुसलमानो के लिए उन से ज़्यादा अच्छा चाहते हैं ”
1 296
195
“ क़यामत के दीन ग़रीब कौन होगा? अल्लाह तआला के बंदो पर ज़ुल्म करने वालों की आख़िरत के बारे में ”
1 296
196
“ आधे शअबान के महीने की फ़ज़ीलत ”
1 297
197
“ एहले तौहीद भी बुरे कर्मों के कारण जहन्नम में जा सकते हैं ”
1 298
198
“ कुछ कारणों से कुछ हदीसों को न सुनाना ”
2 299 سے 300
199
“ रसूल अल्लाह ﷺ का चमत्कार और खाने में बरकत ”
1 301
200
“ रसूल अल्लाह ﷺ का चमत्कार और खाने में बरकत ”
2 302 سے 303
201
“ रसूल अल्लाह ﷺ की हदीसों पर संतोष करना चाहिए ”
1 304
202
“ नेक कर्म रसूल अल्लाह ﷺ की अनुमति के अनुसार कम या ज़्यादा हों ”
1 305
203
“ रसूल अल्लाह ﷺ की आज्ञा का पालन न करना जन्नत से इन्कार के बराबर ”
1 306

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