“ अल्लाह तआला का कहना ( सूरह अल-जुमा में ) कि " फिर जब ( जुमा ) की नमाज़ पूरी होजाए, तो ज़मीन पर फैल जाओ और .... ” |
1 |
984 |
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“ हलाल ज़ाहिर है और हराम भी ज़ाहिर है और उनके बीच कुछ शक की बातें हैं ” |
1 |
985 |
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“ शक वाली चीज़ों की तफ़्सीर ” |
1 |
986 |
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“ कुछ लोगों ने वस्वसे को शक नहीं माना ” |
1 |
987 |
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“ जिस ने हलाल या हराम कमाई की परवाह न की ” |
1 |
988 |
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“ कपड़े आदि का व्यापार करना केसा है ” |
1 |
989 |
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“ व्यापार के लिए यात्रा करना कैसा है ” |
1 |
990 |
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“ जिसने रिज़्क़ में बढ़ोतरी की कामना की ” |
1 |
991 |
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“ यह साबित है कि नबी ﷺ ने उधार पर कुछ ख़रीदा था ” |
1 |
992 |
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“ एक आदमी की ख़ुद की कमाई और अपने हाथों से काम करना ” |
1 |
993 |
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“ ख़रीदने और बेचने में नरम और आसान होना बेहतर है ” |
1 |
994 |
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“ जिसने मालदार आदमी को क़र्ज़ चुकाने की मोहलत दी ” |
1 |
995 |
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“ जब विक्रेता और ख़रीदार दोनों स्पष्ट रूप से कहदें ” |
1 |
996 |
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“ एक ही जगह पर अलग-अलग तरह के खजूर कैसे बेचे ” |
1 |
997 |
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“ ब्याज खिलाने वाले का पाप ” |
1 |
998 |
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“ अल्लाह का बयान है कि "अल्लाह दान बढ़ाता है और ब्याज को समाप्त करता है ” |
1 |
999 |
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“ लोहार के पेशे के बारे में ” |
1 |
1000 |
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“ दर्ज़ी के पेशे के बारे में ” |
1 |
1001 |
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“ जानवरों और गधों आदि की ख़रीदारी मान्य है ” |
1 |
1002 |
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“ बीमार या खुजली वाले ऊंटों को ख़रीदना ठीक है ” |
1 |
1003 |
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“ पिछने लगाने वाले के पेशे के बारे में ” |
2 |
1004 سے 1005 |
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“ उन कपड़ों का व्यापार जिन्हें पुरुषों और महिलाओं को पहनना मना है ” |
1 |
1006 |
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“ यदि कोई व्यक्ति विक्रेता से अलग होने से पहले कुछ ख़रीदता है और किसी और को उपहार के रूप में देता है ” |
1 |
1007 |
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“ ख़रीदने और बेचने में धोकाधड़ी और गड़बड़ी ” |
1 |
1008 |
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“ बाज़ारों के बारे में क्या कहा गया है ” |
4 |
1009 سے 1012 |
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“ बाज़ार में शोर मचाने से नफ़रत साबित है ” |
1 |
1013 |
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“ नाप-तोल करना विक्रेता और देने वाले पर है ” |
1 |
1014 |
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“ अनाज की नाप-तोल करना अच्छा है ” |
1 |
1015 |
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“ रसूल अल्लाह की मद और साअ के लिए दुआ करना ” |
1 |
1016 |
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“ अनाज की बिक्री और भंडारण के बारे में क्या बताया गया है ” |
3 |
1017 سے 1019 |
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“ अपने मुसलमान भाई की बिक्री पर बिक्री न लगानी चाहिए और न ही अपने भाई की क़ीमत पर कोई क़ीमत लगानी चाहिए या तो वह उसे अनुमति देदे या बिक्री छोड़दे ” |
1 |
1020 |
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“ नीलामी बिक्री के बारे में ” |
1 |
1021 |
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“ धोखे की बिक्री और हबल अल-हबला वाली बिक्री ( गर्भवती ऊंटनी के गर्भ की बिक्री ) के बारे में ” |
1 |
1022 |
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“ ऊँट, गाय, बकरी या अन्य किसी जानवर के थन में दूध रोके रखना फिर उसे बेचना ” |
1 |
1023 |
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“ ज़िना करने वाले ग़ुलाम की बिक्री ( जाइज़ है या नहीं ) ” |
1 |
1024 |
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“ यदि कोई नागरिक किसी विदेशी के लिए बेचता है ( तो जायज़ है ) और क्या वह उसकी मदद करता है और उसकी भलाई चाहता है तो यह सही है ” |
1 |
1025 |
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“ आगे बढ़कर अनाज लाने वाले कारवां से मिलना नहीं चाहिए ” |
1 |
1026 |
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“ अंगूर के बदले अंगूर और अनाज के बदले अनाज कैसे बेचा जाए ” |
1 |
1027 |
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“ जौ के बदले जौ बेचना केसा है ” |
1 |
1028 |
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“ सोने के बदले सोना बेचना केसा है ” |
1 |
1029 |
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“ चांदी के बदले चांदी बेचना केसा है ” |
1 |
1030 |
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“ दीनार के बदले दीनार उधार बेचना केसा है ” |
1 |
1031 |
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“ चाँदी को सोने के बदले उधार बेचना ” |
1 |
1032 |
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“ मुज़ाबना बिक्री के बारे में ” |
2 |
1033 سے 1034 |
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“ पेड़ों पर लगे फलों को सोने या चांदी यानी नक़द कैसे बेचा जाए ” |
1 |
1035 |
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“ फलों को पकने से पहले बेचना ” |
2 |
1036 سے 1037 |
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“ जब कोई व्यक्ति फल को पकने से पहले बेचता है और फल पर कोई ख़राबी आती है, इसके लिए विक्रेता ज़िम्मेदार होगा ” |
1 |
1038 |
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“ यदि कोई व्यक्ति अच्छी खजूर के बदले वो खजूर बेचे जो अच्छी न हो ” |
1 |
1039 |
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“ मुख़ाज़रह बिक्री ( फ़सलको कच्ची हालत में बेचना ) ” |
1 |
1040 |
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“ कुछ लोगों ने हर शहर के मामलों में वहां के लोगों के रीति-रिवाजों, बिक्री, वज़न और तरीक़ों के साथ-साथ उनकी नियतों को उनके नियमों के अनुसार माना है ” |
1 |
1041 |
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“ एक साझेदार अपना भाग दूसरे साझेदार को बेच सकता है ” |
1 |
1042 |
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“ एक काफ़िर से ग़ुलाम ख़रीदना या ग़ुलाम को मुक्त करदेना जायज़ है ” |
1 |
1043 |
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“ सुअर को मारना ” |
1 |
1044 |
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“ उन चीज़ों के चित्र बेचना जिन में जान नहीं है इस बारे में क्या है ” |
1 |
1045 |
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“ एक ऐसे व्यक्ति के पाप के बारे में जो एक स्वतंत्र व्यक्ति को बेचता है ” |
1 |
1046 |
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“ मरे हुए जानवरों और मूर्तियों की ख़रीद और बिक्री किसी है ” |
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1047 |
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“ कुत्ते की क़ीमत लेना केसा है ” |
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1048 |
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