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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
شادی، بیویوں کے مابین انصاف، اولاد کی تربیت، ان کے درمیان انصاف اور ان کے اچھے نام
विवाह, पत्नियों के बीच न्याय, बच्चों की परवरिश, बच्चों के बीच न्याय और बच्चों के अच्छे नाम
1048. نسب کی طرح رضاعت سے بھی رشتے حرام ہو جاتے ہیں
“ वंश की तरह दूध पीते यानि रज़ाई रिश्ते भी हराम हो जाते हैं ”
حدیث نمبر: 1515
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" ادفعوها إلى خالتها، فإن الخالة ام".-" ادفعوها إلى خالتها، فإن الخالة أم".
سیدنا علی رضی اللہ عنہ کہتے ہیں: ہم مکہ سے نکلے، سیدنا حمزہ رضی اللہ عنہ کی بیٹی ہمارے پیچھے چل پڑی اور آواز دی: میرے چچا جان! میرے چچا جان! سو میں نے اس کا ہاتھ پکڑ لیا اور اسے سیدہ فاطمہ رضی اللہ عنہا کے حوالے کرتے ہوئے کہا: یہ تیرے چچا کی بیٹی ہے، اس کو اپنی نگہداشت میں رکھ۔ جب ہم مدینہ پہنچے تو اس کے بارے میں، میں سیدنا زید رضی اللہ عنہ اور سیدنا جعفر رضی اللہ عنہ تینوں جھگڑنے لگے۔ میں نے کہا: میں اس کو لے کر آیا ہوں اور یہ میرے چچا کی بیٹی ہے۔ زید نے کہا: یہ میرے بھائی کی بیٹی ہے اور جعفر نے کہا: یہ میرے چچا کی بیٹی ہے اور اس کی خالہ میری بیوی ہے۔ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے (فیصلہ کرتے ہوئے) جعفر سے فرمایا: تو پیدائشی اور اخلاقی اوصاف میں میرے مشابہ ہے۔ زید سے فرمایا: تو ہمارا بھائی اور دوست ہے۔ اور مجھ (علی) کو فرمایا: تو مجھ سے ہے اور میں تجھ سے ہوں۔ اس طرح کرو کہ یہ بچی اس کی خالہ کے حوالے کر دو، کیونکہ خالہ ماں ہی ہوتی ہے۔ میں نے کہا: اے اللہ کے رسول! آپ اس سے شادی کیوں نہیں کے لیتے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: یہ میری رضائی بھتیجی ہے۔
हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं ! हम मक्का से निकले कि हज़रत हमज़ह रज़ि अल्लाहु अन्ह की बेटी हमारे पीछे चल पड़ी और आवाज़ दी, मेरे चचा जान, मेरे चचा जान तो मैं ने उस का हाथ पकड़ लिया और उसे हज़रत फ़ातिमह रज़ि अल्लाहु अन्हा के हवाले करते हुए कहा यह तेरे चचा की बेटी है, इस को अपनी देखभाल में रख। जब हम मदीने पहुंचे तो उस के बारे में, मैं हज़रत ज़ैद रज़ि अल्लाहु अन्ह और हज़रत जअफ़र रज़ि अल्लाहु अन्ह तीनों झगड़ने लगे। मैं ने कहा कि मैं इस को लकर आया हूँ और यह मेरे चचा की बेटी है। ज़ैद ने कहा कि यह मेरे भाई की बेटी है और जअफ़र ने कहा कि यह मेरे चचा की बेटी है और इस की मौसी मेरी पत्नी है। रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने (फ़ैसला करते हुए) जअफ़र से फ़रमाया ! “तू पैदाइशी और अख़लाक़ी विशेषताओं में मेरे जैसा है।” ज़ैद से फ़रमाया ! “तू हमारा भाई और दोस्त है।” और मुझ (अली) को फ़रमाया ! “तू मुझ से है और मैं तुझ से हूँ। इस तरह करो कि यह बच्ची इस की मौसी के हवाले कर दो क्यूंकि मौसी मां ही होती है।” मैं ने कहा ऐ अल्लाह के रसूल आप इस से शादी क्यों नहीं के लेते ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “यह मेरी दूध पीती यानि रज़ाई भतीजी है।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1182

قال الشيخ الألباني:
- " ادفعوها إلى خالتها، فإن الخالة أم ".
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‏‏‏‏أخرجه أبو داود (1 / 530 - الحلبية) والحاكم (3 / 120) واللفظ له وأحمد
‏‏‏‏(1 / 88 و 115) من طرق عن إسرائيل عن إسحاق عن هبيرة بن يريم وهانيء بن
‏‏‏‏هانيء عن علي قال: " لما خرجنا من مكة اتبعنا ابنة حمزة فنادت: يا عم يا
‏‏‏‏عم! فأخذت بيدها فناولتها فاطمة قلت: دونك ابنة عمك، فلما قدمنا المدينة
‏‏‏‏اختصمنا فيها أنا وزيد وجعفر، فقلت: أنا أخذتها وهي ابنة عمي، وقال زيد
‏‏‏‏: ابنة أخي، وقال جعفر: ابنة عمي وخالتها عندي، فقال رسول الله صلى الله
‏‏‏‏عليه وسلم لجعفر: أشبهت خلقي وخلقي، وقال لزيد: أنت أخونا ومولانا،
‏‏‏‏وقال لي: أنت مني وأنا منك، ادفعوها ... فقلت: ألا تزوجها يا رسول الله؟
‏‏‏‏قال: " إنها ابنة أخي من الرضاعة ". وقال الحاكم: " صحيح الإسناد ولم
‏‏‏‏يخرجاه بهذه الألفاظ وإنما اتفقا على حديث أبي إسحاق عن البراء مختصرا ".
‏‏‏‏قلت: أبو إسحاق هو السبيعي وكان اختلط لكن له طريق أخرى عند أبي داود
‏‏‏‏والطحاوي في " المشكل " (4 / 174) والحاكم (3 / 211) عن يزيد بن الهاد عن
‏‏‏‏محمد بن نافع بن عجير عن أبيه نافع عن علي بن أبي طالب به نحوه. وفيه:
‏‏‏‏__________جزء : 3 /صفحہ : 178__________
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‏‏‏‏" وأما الجارية فادفعي بها لجعفر فإن خالتها عنده وإنما الخالة أم ". وقال
‏‏‏‏الحاكم: " صحيح على شرط مسلم ". كذا قال، ونافع بن عجير ليس من رجال مسلم،
‏‏‏‏وقد اختلف في إسناده كما في ترجمته من " التهذيب ". وللحديث شاهد مرسل قوي
‏‏‏‏بلفظ: " الخالة أم ". رواه ابن سعد (4 / 35 - 36) عن جعفر بن محمد عن أبيه
‏‏‏‏قال: إن ابنة حمزة لتطوف بين الرجال، إذا أخذ علي بيدها فألقاها إلى فاطمة في
‏‏‏‏هودجها، قال: فاختصم فيها علي وجعفر وزيد بن حارثة حتى ارتفعت أصواتهم،
‏‏‏‏فأيقظوا النبي صلى الله عليه وسلم من نومه، قال: هلموا أقضي بينكم فيها وفي
‏‏‏‏غيرها، فقال علي: ابنة عمي وأنا أخرجتها وأنا أحق بها، وقال جعفر: ابنة
‏‏‏‏عمي وخالتها (¬1) عندي، وقال زيد: ابنة أخي، فقال في كل واحد قولا راضيا،
‏‏‏‏فقضى بها لجعفر وقال: (فذكره) ، فقام جعفر فحجل حول النبي صلى الله عليه
‏‏‏‏وسلم - دار عليه - فقال النبي صلى الله عليه وسلم : ما هذا؟ قال: شيء رأيت
‏‏‏‏الحبشة يصنعونه بملوكهم.
‏‏‏‏قلت: وسنده صحيح لولا أنه مرسل. ¤


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