الحمدللہ! انگلش میں کتب الستہ سرچ کی سہولت کے ساتھ پیش کر دی گئی ہے۔

 
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
قربانی، ذبیحوں، کھانے پینے، عقیقے اور جانوروں سے نرمی کرنے کا بیان
क़ुरबानी, ज़ब्हा करना, खानापीना, अक़ीक़ा और जानवरों के साथ नरमी करना
1237. غلاموں اور خادموں کے حقوق
“ ग़ुलामों और सेवकों के अधिकार ”
حدیث نمبر: 1851
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" إذا جاء احدكم خادمه بطعامه فليجلسه فلياكل معه فإن ابى فليناوله منه".-" إذا جاء أحدكم خادمه بطعامه فليجلسه فليأكل معه فإن أبى فليناوله منه".
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے، نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جب کسی کا خادم اس کا کھانا لے کر آئے تو وہ اس کو بھی اپنے ساتھ بٹھا لے، تاکہ وہ بھی کھانا کھا سکے، اگر وہ ایسا کرنے سے انکار کرے تو اسے کھانا دے دیا کرے (تاکہ وہ علیحدہ ہو کر کھا لے)۔
हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “जब किसी का सेवक उस का खाना लेकर आए तो वह उस को भी अपने साथ बिठा ले, ताकि वह भी खाना खा सके, यदि वह ऐसा करने से इन्कार करे तो उसे खाना दे दिया करे (ताकि वह अलग होकर खा ले)।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1297

قال الشيخ الألباني:
- " إذا جاء أحدكم خادمه بطعامه فليجلسه فليأكل معه فإن أبى فليناوله منه ".
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‏‏‏‏أخرجه البخاري في الأدب المفرد (31) والدارمي (2 / 107) وابن ماجه (2 /
‏‏‏‏308) وأحمد (2 / 473) عن إسماعيل بن أبي خالد عن أبيه سمعت أبا هريرة
‏‏‏‏يقول مرفوعا. وهذا رجاله ثقات غير أبي خالد وهو مقبول كما في " التقريب ".
‏‏‏‏وعنه أخرجه الترمذي وصححه بلفظ: (إذا كفى) ويأتي وفي رواية عنه. " إذا
‏‏‏‏جاء أحدكم الصانع بطعامكم قد أغنى عنكم عناء حره ودخانه فادعوه فليأكل معكم،
‏‏‏‏وإلا فلقموه في يده ". رواه أحمد (2 / 316) حدثنا عبد الرزاق بن همام حدثنا
‏‏‏‏معمر عن همام بن منبه قال: هذا ما حدثنا به أبو هريرة مرفوعا.
‏‏‏‏قلت: فذكر أحاديث كثيرة بهذا الإسناد هذا منها، وهو صحيح على شرط الستة.
‏‏‏‏وقد مضى بنحوه من طريق أخرى عن أبي هريرة (1285) . ¤


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