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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
فضائل و مناقب اور معائب و نقائص
फ़ज़िलतें, विशेषताएं, कमियां और बुराइयाँ
2222. قریش کی فضیلت
“ क़ुरैशियों की फ़ज़ीलत ”
حدیث نمبر: 3376
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" إن قريشا اهل امانة، لا يبغيهم العثرات احد إلا كبه الله عز وجل لمنخريه".-" إن قريشا أهل أمانة، لا يبغيهم العثرات أحد إلا كبه الله عز وجل لمنخريه".
زید بن عبدالرحمٰن بن سعید بن عمرو بن نفیل، جن کا بنو عدی قبیلہ سے تعلق ہے، اپنے باپ سے روایت کرتے ہیں، وہ کہتے ہیں: میں کچھ قریشی جوانوں سمیت سیدنا جابر بن عبداللہ رضی اللہ عنہ کے پاس آیا، اس وقت وہ نابینا ہو چکے تھے۔ ہم نے دیکھا کہ چھت کے ساتھ ایک رسی لٹک رہی تھی اور اس کے سامنے روٹیاں یا ان کے ٹکڑے پڑے تھے۔ جب کوئی مسکین کھانا مانگتا ہے تو سیدنا جابر ایک ٹکڑا اٹھاتے، رسی کو پکڑ کر اس کی رہنمائی میں مسکین تک پہنچتے، اسے وہ ٹکڑا تھماتے اور رسی کی رہنمائی میں ہی واپس آ کر بیٹھ جاتے تھے۔ میں نے کہا: اللہ آپ کو صحت و عافیت سے نوازے، ہم یہ ٹکڑا (‏‏‏‏آسانی سے) مسکین کو پکڑا سکتے تھے (‏‏‏‏آپ نے ہمیں کہہ دینا تھا، خود کیوں تکلیف کی ہے)۔ انہوں نے کہا: دراصل میں اجر و ثواب کی نیت سے چل کر گیا ہوں، پھر کہا: کیا میں تمہیں رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی ایسی حدیث بیان نہ کروں، جو میں نے آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے سے خود سنی؟ ہم نے کہا: کیوں نہیں، (‏‏‏‏ضرور بیان کیجئیے)۔ انہوں نے کہا: رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ‏‏‏‏ بیشک قریشی امانت والے ہیں، جو آدمی ان کے عیوب کی ٹوہ میں پڑ جائے گا، اللہ تعالیٰ اسے نتھنوں کے بل (‏‏‏‏اوندھے منہ) گرا دے گا۔
ज़ैद बिन अब्दुर्रहमान बिन सईद बिन अमरो बिन नुफ़ैल, जिन का बिन अदि क़बीला से संबंध है, अपने पिता से रिवायत करते हैं, वह कहते हैं ! मैं कुछ क़ुरैशी युवा लोगों के साथ हज़रत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ि अल्लाहु अन्ह के पास आया, उस समय वह अंधे हो चुके थे। हम ने देखा कि छत के साथ एक रस्सी लटक रही थी और उस के सामने रोटियाँ या उन के टुकड़े पड़े थे। जब कोई भूका खाना मांगता है तो हज़रत जाबिर एक टुकड़ा उठाते, रस्सी को पकड़ कर उस के द्वारा भूके व्यक्ति तक पहुंचते, उसे वह टुकड़ा थमाते और रस्सी के द्वारा ही वापस आकर बैठ जाते थे। मैं ने कहा ! अल्लाह आप को स्वास्थ्य और भलाई दे, हम यह टुकड़ा (आसानी से) भूके व्यक्ति को पकड़ा सकते थे (आप हम से कह देते)। उन्हों ने कहा ! मैं सवाब की नियत से चलकर गया हूँ फिर कहा ! क्या में तुम्हें रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ऐसी हदीस न सुना दूँ, जो मैं ने आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से ख़ुद सुनी ? हम ने कहा ! क्यों नहीं, (ज़रूर सुनाइए)। उन्हों ने कहा ! रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “‏‏‏‏ बेशक क़ुरैशी अमानत वाले हैं, जो आदमी उनकी बुराइयों की खोज में पड़ जाएगा, अल्लाह तआला उसे नथनों के बल (औंधे मुंह) गिरा देगा।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1688

قال الشيخ الألباني:
- " إن قريشا أهل أمانة، لا يبغيهم العثرات أحد إلا كبه الله عز وجل لمنخريه ".
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‏‏‏‏رواه ابن عساكر (3 / 320 / 1 - 2) عن السور بن عبد الملك بن عبيد بن سعيد بن
‏‏‏‏يربوع المخزومي عن زيد بن عبد الرحمن بن سعيد بن عمرو بن نفيل من بني عدي عن
‏‏‏‏أبيه قال: جئت جابر بن عبد الله الأنصاري في فتيان من قريش، فدخلنا عليه
‏‏‏‏بعد أن كف بصره، فوجدنا حبلا معلقا في السقف وأقراصا مطروحة بين يديه أو خبزا
‏‏‏‏، فكلما استطعم مسكين قام جابر إلى قرص منها وأخذ الحبل حتى يأتي المسكين
‏‏‏‏فيعطيه، ثم يرجع بالحبل حتى يقعد، فقلت له: عافاك الله نحن إذا جاء المسكين
‏‏‏‏أعطينا، فقال: إني أحتسب
‏‏‏‏__________جزء : 4 /صفحہ : 260__________
‏‏‏‏
‏‏‏‏المشي في هذا. ثم قال: ألا أخبركم شيئا سمعته من
‏‏‏‏رسول الله صلى الله عليه وسلم ؟ قالوا: بلى، قال: سمعته يقول: فذكره.
‏‏‏‏قلت: وهذا إسناد ضعيف لم أعرف أحد من رواته غير صحابيه، وأخشى أن يكون وقع
‏‏‏‏في نسخه " التاريخ " تصحيف. والله أعلم. ثم تبين لي أن الرجل الأدنى هو
‏‏‏‏المسور ووقع فيه السور! - ذكره الذهبي في " الميزان " وقال: " ليس بالقوي،
‏‏‏‏قاله الأزدي ". وكذا في " اللسان ". وأورده ابن أبي حاتم في " كتابه " من
‏‏‏‏رواية جمع من الثقات عنه، فمثله حسن الحديث في المتابعات والشواهد. وقد
‏‏‏‏وجدت له شاهدا من حديث رفاعة بن رافع مرفوعا به، وفي أوله زيادة أوردته من
‏‏‏‏أجلها في " الضعيفة " (1716) لجهالة في إسناده، فالحديث بمجموعهما حسن كما
‏‏‏‏ذكرت هناك. والله أعلم. ¤


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