الحمدللہ! انگلش میں کتب الستہ سرچ کی سہولت کے ساتھ پیش کر دی گئی ہے۔

 
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
بیماری، نماز جنازہ، قبرستان
बीमारी, नमाज़ जनाज़ा और क़ब्रस्तान
1155. بندہ اپنی جائے موت تک کیسے پہنچتا ہے؟
“ बंदा अपनी मौत की जगह पर कैसे पहुँचता है ? ”
حدیث نمبر: 1720
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" إذا كان اجل احدكم بارض اثبت الله له إليها حاجة، فإذا بلغ اقصى اثره توفاه، فتقول الارض يوم القيامة: يا رب هذا ما استودعتني".-" إذا كان أجل أحدكم بأرض أثبت الله له إليها حاجة، فإذا بلغ أقصى أثره توفاه، فتقول الأرض يوم القيامة: يا رب هذا ما استودعتني".
سیدنا عبداللہ بن مسعود رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: آدمی نے زمین کے جس (علاقے) میں مرنا ہوتا ہے تو اللہ تعالیٰ اس علاقے تک پہنچنے کے لیے کسی حاجت (کا بہانہ) بنا دیتے ہیں۔ جب وہ آدمی اپنی (زندگی) کے آخری نشانات تک پہنچتا ہے تو اسے موت آ جاتی ہے۔ قیامت کے دن زمین کہے گی: اے میرے رب! یہ (وہ بندہ) ہے جو تو نے مجھے سونپا تھا۔
हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! ’’ आदमी ने ज़मीन पर जहां मरना होता है तो अल्लाह तआला उस जगह तक पहुँचे के लिये किसी ज़रूरत (का बहाना) बना देता है। जब वह आदमी अपने (जीवन) की अंतिम जगह तक पहुँचता है तो उसे मौत आ जाती है। क़यामत के दिन ज़मीन कहे गी, ऐ मेरे रब्ब यह (वह बंदा) है जो तू ने मुझे सौंपा था।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1222

قال الشيخ الألباني:
- " إذا كان أجل أحدكم بأرض أثبت الله له إليها حاجة، فإذا بلغ أقصى أثره توفاه ، فتقول الأرض يوم القيامة: يا رب هذا ما استودعتني ".
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‏‏‏‏أخرجه ابن ماجه (2 / 566) وابن أبي عاصم في " السنة " (346) والطبراني في
‏‏‏‏" المعجم الكبير " (3 / 76 / 1) والحاكم (1 / 41 - 42) من طرق عن إسماعيل
‏‏‏‏ابن أبي خالد عن قيس بن أبي حازم عن عبد الله بن مسعود عن النبي صلى الله
‏‏‏‏عليه وسلم، وقال الحاكم: " احتج الشيخان برواة هذا الحديث عن آخرهم ".
‏‏‏‏ووافقه الذهبي وهو كما قالا. وقال البوصيري في " الزوائد " (ق 263 / 2) :
‏‏‏‏" هذا إسناد صحيح، رجاله ثقات ". ¤


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