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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
لباس، زینت، لہو و لعب، تصاویر
पहनना ओढ़ना, सजना संवरना, खेलकूद और तस्वीरें
1328. اگر زیور کا مقصد محض نمائش اور عجب پسندی ہو تو . . .
“ यदि गहनों का उपयोग केवल दिखावे के लिए हो तो...”
حدیث نمبر: 2004
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" يا فاطمة ايسرك ان يقول الناس: فاطمة بنت محمد في يدها سلسلة من نار؟!".-" يا فاطمة أيسرك أن يقول الناس: فاطمة بنت محمد في يدها سلسلة من نار؟!".
سیدنا ثوبان رضی اللہ عنہ کہتے ہیں: سیدہ بنت ہبیرہ رضی اللہ عنہا نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کے پاس آئی، اس کے ہاتھ میں سونے کی بڑی بڑی انگوٹھیاں تھیں۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم اس کے ہاتھ پر مار نے لگ گئے۔ اس نے سیدہ فاطمہ رضی اللہ عنہا سے شکایت کی۔ ثوبان کہتے ہیں: جب نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم سیدہ فاطمہ رضی اللہ عنہا کے پاس گئے تو میں بھی آپ کے ساتھ تھا، سیدہ فاطمہ رضی اللہ عنہا نے اپنی گردن میں پہنی ہوئی زنجیر یعنی چین ہاتھ میں پکڑی اور کہا: یہ ابوحسن نے مجھے بطور تحفہ دی ہے۔ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: فاطمہ! کیا تجھے لوگوں کا یہ کہنا اچھا لگے گا کہ فاطمہ بنت محمد کے ہاتھ میں آگ کی ایک زنجیر ہے؟ پھر آپ صلی اللہ علیہ وسلم تشریف لے گئے اور وہاں نہ بیٹھے۔ سیدہ فاطمہ رضی اللہ عنہا نے وہ چین فروخت کر دی اور اس کی قیمت سے ایک غلام خرید کر اسے آزاد کر دیا، جب نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کو یہ خبر موصول ہوئی تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: تعر یف اس اللہ کی ہے، جس نے فاطمہ کو آگ سے نجات دلائی ہے۔
हज़रत सोबान रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि हज़रत बिन्त हबीरह रज़ि अल्लाहु अन्हा नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आई, उस के हाथ में सोने की बड़ी बड़ी अंगूठियाँ थीं। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उस के हाथ पर मारने लगे। उस ने हज़रत फ़ातिमह रज़ि अल्लाहु अन्हा से शिकायत की। सोबान कहते हैं कि जब नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हज़रत फ़ातिमह रज़ि अल्लाहु अन्हा के पास गए तो मैं भी आप के साथ था, हज़रत फ़ातिमह रज़ि अल्लाहु अन्हा ने अपनी गर्दन में पहनी हुई ज़ंजीर यानी चेन हाथ में पकड़ी और कहा कि यह अबू हसन ने मुझे उपहार में दी है। नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “फ़ातिमह, क्या तुझे लोगों का यह कहना अच्छा लगे गा कि फ़ातिमह बिन्त मुहम्मद के हाथ में आग की एक ज़ंजीर है ?” फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम चले गए और वहां न बैठे। हज़रत फ़ातिमह रज़ि अल्लाहु अन्हा ने वह चेन बेच दी और उस के पैसे से एक ग़ुलाम ख़रीद कर उसे मुक्त कर दिया, जब नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को यह पता चला तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “ताअरीफ़ उस अल्लाह की है, जिस ने फ़ातिमह को आग से मुक्ति दिलाई है।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 411

قال الشيخ الألباني:
- " يا فاطمة أيسرك أن يقول الناس: فاطمة بنت محمد في يدها سلسلة من نار؟! ".
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‏‏‏‏أخرجه النسائي (2 / 285) والطيالسي (ص 133 رقم 990) ومن طريقه الحاكم
‏‏‏‏(3 / 152، 153) عن هشام عن يحيى بن أبي كثير عن أبي سلام عن أبي أسماء عن
‏‏‏‏ثوبان قال:
‏‏‏‏" جاءت بنت هبيرة إلى النبي صلى الله عليه وسلم وفي يدها فتخ من ذهب (خواتيم
‏‏‏‏ضخام) فجعل النبي صلى الله عليه وسلم يضرب يدها، فأتت فاطمة تشكو إليها،
‏‏‏‏قال ثوبان: فدخل النبي صلى الله عليه وسلم على فاطمة وأنا معه وقد أخذت من
‏‏‏‏عنقها سلسلة من ذهب فقالت: هذا أهدى لي أبو حسن، وفي يدها السلسلة، فقال
‏‏‏‏النبي صلى الله عليه وسلم : (فذكر الحديث) ، فخرج ولم يقعد، فعمدت فاطمة
‏‏‏‏إلى السلسلة فباعتها فاشترت بها نسمة فأعتقتها، فبلغ النبي صلى الله عليه وسلم
‏‏‏‏فقال: الحمد لله الذي نجى فاطمة من النار.
‏‏‏‏وقال الحاكم وكذا الذهبي: " صحيح على شرط الشيخين ".
‏‏‏‏كذا قالا وأبو سلام واسمه ممطور وشيخه أبو أسماء واسمه عمرو بن مرثد لم
‏‏‏‏يخرج لهما البخاري في صحيحه، وإنما روى لها في " الأدب المفرد " ثم إن فيه
‏‏‏‏انقطاعا بين يحيى وأبي سلام فقد قيل إنه لم يسمع منه ثم إن يحيى مدلس، وصفه
‏‏‏‏بذلك العقيلي وابن حبان.
‏‏‏‏قلت: لكن رواه النسائي (2 / 284) وأحمد (5 / 278) من طريقين عن يحيى
‏‏‏‏قال حدثنا زيد بن سلام أن جده - يعني أبا سلام - حدثه أن أبا أسماء حدثه به.
‏‏‏‏وهذا سند موصول صحيح. وزاد أحمد بعد قوله: يضرب يدها: " أيسرك أن يجعل
‏‏‏‏الله في يدك خواتيم من نار؟ ! .
‏‏‏‏وفيه أنه صلى الله عليه وسلم عذم فاطمة عذما شديدا.
‏‏‏‏__________جزء : 1 /صفحہ : 771__________ ¤


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