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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
سفر، جہاد، غزوہ اور جانور کے ساتھ نرمی برتنا
यात्रा, जिहाद, जंग और जानवरों के साथ नरमी करना
حدیث نمبر: 2043
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" ما في الناس مثل رجل آخذ بعنان فرسه فيجاهد في سبيل الله ويجتنب شرور الناس. ومثل رجل باد في غنمه، يقري ضيفه ويؤدي حقه".-" ما في الناس مثل رجل آخذ بعنان فرسه فيجاهد في سبيل الله ويجتنب شرور الناس. ومثل رجل باد في غنمه، يقري ضيفه ويؤدي حقه".
حبیب بن شہاب عنبری کہتے ہیں کہ میں نے اپنے باپ سے سنا، وہ کہتے ہیں: میں اور میرا دوست سیدنا عبداللہ بن عباس رضی اللہ عنہما کے پاس آئے، ہمیں ابن عباس رضی اللہ عنہما کے دروازے پر سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ ملے۔ انہوں نے پوچھا: تم کون ہو؟ ہم نے اپنا تعارف کروایا۔ انہوں نے کہا: تم ان لوگوں کے پاس چلے جاؤ جو کھجوروں اور پانی پر ہیں، (‏‏‏‏یہاں تو) ہر آدمی کا بمشکل اپنا گزارا ہو رہا ہے۔ ہم نے کہا: تیرے خزانے زیادہ ہوں، تم اتنا کرو کہ سیدنا عبداللہ بن عباس رضی اللہ عنہما سے ہمارے لیے اجازت لے دو۔ انہوں نے اجازت طلب کی، ہم نے ابن عباس رضی اللہ عنہما کو رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی حدیث بیان کرتے سنا: رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے تبوک والے دن خطاب کیا اور فرمایا: جو آدمی اپنے گھوڑے کی لگام تھام کر اللہ کے راستے میں جہاد کرتا ہے اور لوگوں کی شرور سے پرہیز کرتا ہے، وہ لوگوں میں بے مثال ہے۔ اور وہ آدمی بھی بے مثال ہے، جو ایک ویرانے میں فروکش ہو کر اپنی بھیڑ بکریاں پالتا ہے، مہمان کی ضیافت کرتا ہے اور اس کا حق ادا کرتا ہے۔ میں نے کہا: واقعی آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے یہ باتیں ارشاد فرمائیں؟ انہوں نے کہا: (جی ہاں) ارشاد فرمائیں۔ میں نے پھر کہا: واقعی آپ نے یہ باتیں ارشاد فرمائیں؟ انہوں نے کہا: (جی ہاں) فرمائیں۔ میں نے پھر کہا: واقعی آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے یہ باتیں ارشاد فرمائیں؟ انہوں نے کہا: (جی ہاں) فرمائیں۔ میں نے اللہ أکبر اور الحمد للہ کہا اور اس کا شکریہ ادا کیا۔
हबीब बिन शहाब अम्बरी कहते हैं कि मैं ने अपने पिता से सुना, वह कहते हैं कि मैं और मेरा दोस्त हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्हुमा के पास आए, हमें इब्न अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्हुमा के दरवाज़े पर हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह मिले। उन्हों ने पूछा कि तुम कौन हो ? हम ने अपना परिचय करवाया। उन्हों ने कहा कि तुम उन लोगों के पास चले जाओ जो खजूरों और पानी पर हैं, (यहां तो) हर आदमी का मुश्किल से अपना गुज़रा हो रहा है। हम ने कहा कि तेरे ख़ज़ाने बहुत हों, तुम इतना करो कि हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्हुमा से हमारे लिये अनुमति लेदो। उन्हों ने अनुमति मांगी, हम ने इब्न अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्हुमा को रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की हदीस सुनाई कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने तबूक वाले दिन संबोधित किया और फ़रमाया ! “जो आदमी अपने घोड़े की लगाम थाम कर अल्लाह के रस्ते में जिहाद करता है और लोगों की बुराइयों से बचा करता है, वह लोगों में बेमिसाल है। और वह आदमी भी बेमिसाल है, जो एक वीराने में रह कर अपनी भेड़ बकरियां पालता है, मेहमान की महमानदारी करता है और उस का हक़ पूरा करता है।” मैं ने कहा कि सच में आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने यह बातें कही हैं ? उन्हों ने कहा (जी हाँ) कही हैं। मैं ने फिर कहा कि सच में आप ने यह बातें कही हैं ? उन्हों ने कहा (जी हाँ) कही हैं। मैं ने फिर कहा कि सच में आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने यह बातें कही हैं ? उन्हों ने कहा (जी हाँ) कही हैं। मैं ने अल्लाहु अकबर और अल-हमदु लिल्लाह कहा और उस का शुक्रिया किया।
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 2259

قال الشيخ الألباني:
- " ما في الناس مثل رجل آخذ بعنان فرسه فيجاهد في سبيل الله ويجتنب شرور الناس . ومثل رجل باد في غنمه، يقري ضيفه ويؤدي حقه ".
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‏‏‏‏أخرجه الإمام أحمد (1 / 311) : حدثنا روح حدثنا حبيب بن شهاب العنبري قال:
‏‏‏‏سمعت أبي يقول: أتيت ابن عباس أنا وصاحب لي، فلقينا أبا هريرة عند باب ابن
‏‏‏‏عباس، فقال: من أنتما؟ فأخبرناه، فقال: انطلقا إلى ناس على تمر وماء،
‏‏‏‏إنما يسيل كل واد بقدره. قال: قلنا: كثير خيرك، استأذن لنا على ابن عباس،
‏‏‏‏قال: فاستأذن لنا، فسمعنا ابن عباس يحدث عن رسول الله صلى الله عليه وسلم
‏‏‏‏، فقال: خطب رسول الله صلى الله عليه وسلم يوم تبوك، فقال: فذكره. قال:
‏‏‏‏قلت: أقالها؟ قال: قالها.
‏‏‏‏__________جزء : 5 /صفحہ : 328__________
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‏‏‏‏قال: قلت: أقالها؟ قال: قالها. قلت: أقالها
‏‏‏‏؟ قال: قالها. فكبرت الله، وحمدت الله وشكرته.
‏‏‏‏قلت: وهذا إسناد صحيح: روح هو ابن عبادة، وهو ثقة من رجال الشيخين.
‏‏‏‏وحبيب بن شهاب العنبري ثقة بلا خلاف، وهو مترجم في " تعجيل المنفعة " وأبوه
‏‏‏‏شهاب، وثقه ابن حبان (4 / 363) وأبو زرعة كما في " الجرح والتعديل ".
‏‏‏‏وقد تابعه القلوص بنت عليبة: سمعت شهاب بن مدلج حدثنا أبو هريرة أن النبي صلى
‏‏‏‏الله عليه وسلم قال: " خير الناس رجل تنحى عن شرور الناس ".
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