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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
اخلاق، نیکی کرنا، صلہ رحمی
अख़लाक़, नेकी करना और रहमदिली
حدیث نمبر: 2416
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
- (الا ادلكم على من هو اشد منه؟ (يعني: الصريع) رجل ظلمه رجل، قكظم غيظه؛ فغلبه، وغلب شيطانه، وغلب شيطان صاحبه، (وفي رواية): الذي يملك نفسه عند الغضب).- (ألا أدُلُّكم على مَن هو أشدُّ منه؟ (يعني: الصَّريعَ) رجل ظلمَه رجل، قكظم غيظه؛ فغلبه، وغلب شيطانه، وغلب شيطان صاحبه، (وفي رواية): الذي يملك نفسه عند الغضب).
سیدنا انس رضی اللہ عنہ ‏‏‏‏سے روایت ہے، نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کچھ لوگوں کے پاس سے گزرے جو پتھر اٹھا رہے تھے۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے پوچھا: یہ لوگ کیا کر رہے ہیں؟ لوگوں نے کہا: یہ پتھر اٹھا رہے ہیں۔ ان کی مراد لوگوں کی مضبوطی (‏‏‏‏اور طاقت) بیان کرنا تھا۔ نبی اکرم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: کیا میں تمہیں ایسے شخص کے بارے میں نہ بتاؤں جو اس سے بھی زیادہ مضبوط ہے؟ یہ وہ شخص ہے جو غصے کے وقت اپنے نفس پر کنٹرول رکھتا ہے۔ اور ایک روایت میں ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم ایسے لوگوں کے پاس سے گزرے، جو کشتی کر رہے تھے۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے پوچھا: ‏‏‏‏یہ کیا ہے؟ ‏‏‏‏لوگوں نے کہا: یہ فلاں پہلوان ہے، جو کشتی میں ہر ایک کو پچھاڑ دیتا ہے۔ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: کیا میں تمہیں ایسا شخص نہ بتاؤں، جو اس سے بھی زیادہ طاقتور ہے۔ یہ وہ آدمی ہے، جس پر کسی شخص نے زیادتی کی ہو۔ لیکن وہ اپنا غصہ پی گیا ہو اور اس طرح (‏‏‏‏ظالم) پر، اپنے شیطان پر اور اپنے مقابل کے شیطان پر غالب آ گیا ہو۔ یعنی اس نے تینوں کو پچھاڑ دیا۔
हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कुछ लोगों के पास से गुज़रे जो पत्थर उठा रहे थे। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूछा “यह लोग क्या कर रहे हैं ?” लोगों ने कहा कि यह पत्थर उठा रहे हैं। उनकी मुराद लोगों की मज़बूती (और शक्ति) बताना था। नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “क्या मैं तुम्हें ऐसे व्यक्ति के बारे में न बताऊं जो इस से भी अधिक मज़बूत है ? यह वह व्यक्ति है जो ग़ुस्से के समय अपने आप पर क़ाबू रखता है।” और एक रिवायत में है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ऐसे लोगों के पास से गुज़रे, जो कुश्ती कर रहे थे। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूछा “यह क्या है ?” लोगों ने कहा कि यह फ़लां पहलवान है, जो कुश्ती में हर एक को पछाड़ देता है। रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “क्या मैं तुम्हें ऐसा व्यक्ति न बताऊं, जो इस से भी अधिक शक्तिशाली है। यह वह व्यक्ति है, जिस के साथ किसी व्यक्ति ने दुर्व्यवहार किया हो लेकिन वह अपना ग़ुस्सा पी गया हो और इस तरह (ज़ालिम) पर, अपने शैतान पर और अपने सामने के शैतान पर हावी हो गया।” यानी उसने तीनों को पछाड़ दिया।
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 3295

قال الشيخ الألباني:
- (ألا أدُلُّكم على مَن هو أشدُّ منه؟ (يعني: الصَّريعَ) رجل ظلمَه رجل، قكظم غيظه؛ فغلبه، وغلب شيطانه، وغلب شيطان صاحبه، (وفي رواية) : الذي يملك نفسه عند الغضب) .
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‏‏‏‏أخرجه البزارفي "مسنده " (2/438ـ 439/2053 و 54 0 2) - بالروايتين بإسناد واحد- من طريق شعيب بن بيان: ثنا عمران عن قتادة عن أنس:
‏‏‏‏أن النبي - صلى الله عليه وسلم - مر بقوم يرفعون حجراً، فقال:
‏‏‏‏__________جزء : 7 /صفحہ : 869__________
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‏‏‏‏"ما يصنع هؤلاء؟ ".
‏‏‏‏فقالوا: يرفعون حجراً يريدون الشِّدة، فقال النبي - صلى الله عليه وسلم -:
‏‏‏‏"أفلا أدلكم على ما هو أشد منه؟ - أو كلمة نحوها-: الذي يملك نفسه عند الغضب ".
‏‏‏‏ثم ساق الرواية الأولى بلفظ:
‏‏‏‏أن النبي - صلى الله عليه وسلم - مر بقوم يصطرعون، فقال:
‏‏‏‏"ماهذا؟ ".
‏‏‏‏قالوا: يا رسول الله! هذا فلان الصريع؛ ما يصارع أحداً إلا صرعه، فقال رسول الله - صلى الله عليه وسلم -: فذكره.
‏‏‏‏وقال الهيثمي في "مجمع الزوائد" (8/68) :
‏‏‏‏" رواهما البزار بإسناد واحد، وفيه شعيب بن بيان وعمران القطان، ووثقهما ابن حبان، وضعفهما غيره، وبقية رجالهما رجال الصحيح ".
‏‏‏‏قلت: فالسند حسن، وكذا قال الحافظ في "الفتح " (10/519) .
‏‏‏‏ويشهد له حديث أبي هريرة مرفوعاً بلفظ:
‏‏‏‏"ليس الشديد بالصُّرَعة، إنما الشديد الذي يملك نفسه عند الغضب ". أخرجه الشيخان وغيرهما، وا بن حبان؛ ولفظه:
‏‏‏‏"ليس الشديد من غلب الناس، وإنما الشديد من غلب نفسه ".
‏‏‏‏وهو مخرج في التعليق على "صحيح الأدب المفرد" (500/989) . *
‏‏‏‏__________جزء : 7 /صفحہ : 870__________ ¤


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