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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
آداب اور اجازت طلب کرنا
अख़लाक़ और अनुमति मांगना
1848. برتری کی بنیاد عمل صالح ہے، بدکلامی اور بخیلی، برے آدمی کی صفات ہیں
“ ऊँचे दर्जे का आधार अच्छे कर्म हैं ، गंदी बातचीत और कंजूसी बुरे आदमी की निशानियां हैं ”
حدیث نمبر: 2754
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" إن مسابكم هذه وليست بمساب على احد وإنما انتم ولد آدم طف الصاع لم تملئوه ليس لاحد على احد فضل إلا بدين او عمل صالح حسب الرجل ان يكون فاحشا بذيا بخيلا جبانا".-" إن مسابكم هذه وليست بمساب على أحد وإنما أنتم ولد آدم طف الصاع لم تملئوه ليس لأحد على أحد فضل إلا بدين أو عمل صالح حسب الرجل أن يكون فاحشا بذيا بخيلا جبانا".
سیدنا عقبہ بن عامر جہنی رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: (‏‏‏‏نسب کے بارے میں) تمہارا گالی گلوچ کرنا، کسی کے لیے کوئی عار و شنار والی بات نہیں ہے، کیونکہ تم سارے آدم کی اولاد ہو، اور بھرے ماپ سے کم ہو (‏‏‏‏ یعنی کوئی بھی تم میں پورا کامل نہیں، ہر ایک میں کچھ نہ کچھ نقص ہے) اور کسی کو کسی پر کوئی فضیلت و برتری حاصل نہیں، مگر دین اور عمل صالح کی بنا پر۔ آدمی کے (‏‏‏‏برا ہونے کے لیے) یہی کافی ہے کہ وہ فحش گو، بدکلام، بداخلاق، بخیل اور بزدل ہو۔
हज़रत उक़्बह बिन आमिर जुहनी रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “(वंश के बारे में) तुम्हारा बुरा भला कहना, किसी के लिये कोई शर्म की बात और कमी वाली बात नहीं है, क्योंकि तुम सारे आदम की औलाद हो, और पूरे नाप से कम हो (‏‏‏‏यानी कोई भी तुम में पूरा पूरा नहीं, हर एक में कुछ न कुछ कमी है) और किसी को किसी पर कोई फ़ज़ीलत और बढ़ाई नहीं, मगर दीन और नेक कर्मों की बिना पर। आदमी का (बुरी होने के लिये) यही काफ़ी है कि वह बेहूदा बात करने वाला, बुरे शब्दों वाला, बुरे अख़लाक़ वाला, कंजूस और कायर हो।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1038

قال الشيخ الألباني:
- " إن مسابكم هذه وليست بمساب على أحد وإنما أنتم ولد آدم طف الصاع لم تملئوه ليس لأحد على أحد فضل إلا بدين أو عمل صالح حسب الرجل أن يكون فاحشا بذيا بخيلا جبانا ".
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‏‏‏‏رواه عبد الله بن وهب في " الجامع " (ص 6) وعنه الطحاوي في " المشكل " (4 /
‏‏‏‏365) وكذا ابن جرير في " التفسير " (26 / 89) والروياني في " مسنده "
‏‏‏‏(49 / 2) وأبو الحسين بن النقور في " القراءة على الوزير " (5 / 1) :
‏‏‏‏أخبرني ابن لهيعة عن الحارث بن يزيد عن علي بن رباح عن عقبة بن عامر الجهني
‏‏‏‏مرفوعا.
‏‏‏‏قلت: وهذا سند صحيح على شرط مسلم إلا ابن لهيعة وهو صحيح الحديث إذا روى عنه
‏‏‏‏أحد العبادلة وهذا من رواية عبد الله بن وهب عنه فهو صحيح وبيان ذلك في
‏‏‏‏ترجمته من " التهذيب ". وقد أخرجه أحمد (4 / 158) حدثنا يحيى بن إسحاق
‏‏‏‏أنبأنا ابن لهيعة به. إلا أنه قال: " أنسابكم " بدل " مسابكم " وكذا أخرجه
‏‏‏‏البيهقي في " شعب الإيمان " (2 / 90 / 2) .
‏‏‏‏__________جزء : 3 /صفحہ : 32__________
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‏‏‏‏ولفظ ابن جرير في إحدى روايتيه:
‏‏‏‏" الناس لآدم وحواء، كطف الصاع لم يملؤه، إن الله لا يسألكم عن أحسابكم ولا
‏‏‏‏عن أنسابكم يوم القيامة * (إن أكرمكم عند الله أتقاكم) * ". ¤


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