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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
جنت اور جہنم
जन्नत और जहन्नम
2587. جنت میں سونے کے محل
“ जन्नत में सोने के महल ”
حدیث نمبر: 3955
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" دخلت الجنة، فإذا انا بقصر من ذهب، فقلت: لمن هذا القصر؟ قالوا: لشاب من قريش، فظننت اني انا هو، فقلت: ومن هو؟ فقالوا: لعمر بن الخطاب، (قال: فلولا ما علمت من غيرتك لدخلته، فقال عمر: عليك يا رسول الله اغار؟)".-" دخلت الجنة، فإذا أنا بقصر من ذهب، فقلت: لمن هذا القصر؟ قالوا: لشاب من قريش، فظننت أني أنا هو، فقلت: ومن هو؟ فقالوا: لعمر بن الخطاب، (قال: فلولا ما علمت من غيرتك لدخلته، فقال عمر: عليك يا رسول الله أغار؟)".
سیدنا انس رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں جنت میں داخل ہوا، اچانک سونے کا ایک محل دیکھا۔ میں نے پوچھا: یہ محل کس کا ہے؟ انہوں نے کہا: ایک قریشی جوان کا ہے۔ مجھے خیال تھا کہ یہ میرا ہی ہو گا (‏‏‏‏کیونکہ میں قریشی ہوں)۔ بہرحال میں نے پوچھا: وہ قریشی کون ہے؟ انہوں نے کہا: یہ عمر بن خطاب رضی اللہ عنہ کا ہے۔ ‏‏‏‏ پھر آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: عمر! اگر تیری غیرت و حمیت کا مسلئہ نہ ہوتا تو میں اس میں ضرور داخل ہو جاتا۔ سیدنا عمر رضی اللہ عنہ نے کہا: اے اللہ کے رسول! کیا میں آپ پر غیرت کھا سکتا ہوں؟
हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “मैं जन्नत में गया, अचानक सोने का एक महल देखा। मैं ने पूछा कि यह महल किस का है ? इन्हों ने कहा कि एक क़ुरैशी जवान का है। मैं ने सोचा था कि यह मेरा ही होगा (क्योंकि मैं क़ुरैशी हूँ)। बहरहाल मैं ने पूछा कि वह क़ुरैशी कौन है ? उन्हों ने कहा कि यह उमर बिन ख़त्ताब रज़ि अल्लाहु अन्ह का है।” फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “उमर, यदि तेरी लज्जा और आत्म सम्मान की बात न होती तो मैं उस में ज़रूर जाता।” हज़रत उमर रज़ि अल्लाहु अन्ह ने कहा ! “ऐ अल्लाह के रसूल, क्या मैं आपको शर्मिंदा कर सकता हूँ ?”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1423

قال الشيخ الألباني:
- " دخلت الجنة، فإذا أنا بقصر من ذهب، فقلت: لمن هذا القصر؟ قالوا: لشاب من قريش، فظننت أني أنا هو، فقلت: ومن هو؟ فقالوا: لعمر بن الخطاب، (قال: فلولا ما علمت من غيرتك لدخلته، فقال عمر: عليك يا رسول الله أغار؟) ".
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‏‏‏‏أخرجه الترمذي (2 / 293) وابن حبان (2188) وأحمد (3 / 107 و 179) من
‏‏‏‏طرق عن حميد الطويل عن أنس قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : فذكره
‏‏‏‏. وقال الترمذي: " حديث حسن صحيح غريب ".
‏‏‏‏قلت: وإسناده صحيح على شرط الشيخين، والزيادة لأحمد وإسناده ثلاثي. وله
‏‏‏‏طريق أخرى، فقال حماد بن سلمة أنبأنا أبو عمران الجوني وحميد عن أنس به نحوه
‏‏‏‏وفيه الزيادة بلفظ: " قال: قال يا رسول الله من كنت أغار عليه فإني لم أكن
‏‏‏‏أغار عليك ". أخرجه أحمد (3 / 191) وكذا أبو يعلى في " مسنده " (1035)
‏‏‏‏لكنه لم يذكر في إسناده حميدا، ومن طريقه أخرجه ابن حبان أيضا (2189) .
‏‏‏‏قلت: وإسناده صحيح على شرط مسلم. وأخرجه الشيخان وغيرهما من حديث جابر
‏‏‏‏نحوه دون قوله: " قالوا لشاب من قريش فظننت أني أنا هو ". وقد مضى لفظه تحت
‏‏‏‏الحديث (1405) . ¤


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