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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
ایمان توحید، دین اور تقدیر کا بیان
तौहीद पर ईमान, दीन और तक़दीर
حدیث نمبر: 71
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" كل امرئ مهيا لما خلق له".-" كل امرئ مهيأ لما خلق له".
سیدنا ابودردا رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ صحابی نے کہا: اے اللہ کے رسول! ہم لوگ جو عمل کر رہے ہیں،آیا ان کا (پہلے ہی سے فیصلہ کر کے) ان سے فارغ ہوا جا چکا ہے یا ہم ازسرِنو عمل کر رہے ہیں؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: اس معاملے (کا فیصلہ کر کے) اس سے فراغت حاصل کی جا چکی ہے۔ انہوں نے کہا: اے اللہ کے رسول! تو پھر عمل کاہے کا؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جس آدمی کو جس عمل کے لیے پیدا کیا گیا اسے اسی کے لیے استعمال کیا جائے گا۔
हज़रत अबु दरदा रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि एक सहाबी ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल, हम लोग जो कर्म कर रहे हैं, शायद उनका पहले ही से फ़ैसला किया जा चूका है या हम अपने कर्म कर रहे हैं ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “इस मामले का फ़ैसला किया जा चूका है।” उन्हों ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल, तो फिर कर्म किस लिए ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “जिस आदमी को जिस कर्म के लिए पैदा किया गया उसे उसी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 2033

قال الشيخ الألباني:
- " كل امرئ مهيأ لما خلق له ".
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‏‏‏‏أخرجه الحاكم (2 / 462) وأحمد (6 / 441) عن أبي الربيع سليمان بن عتبة عن
‏‏‏‏يونس بن ميسرة بن حلبس عن أبي إدريس عن أبي الدرداء: " قالوا: يا رسول
‏‏‏‏الله! أرأيت ما نعمل أمر قد فرغ منه، أم أمر نستأنفه؟ قال: بل أمر قد فرغ
‏‏‏‏منه، قالوا: فكيف العمل يا رسول الله؟ قال: " فذكره.
‏‏‏‏قلت: وهذا إسناد حسن كما سبق بيانه في الحديث (514) وأما الحاكم فقال: "
‏‏‏‏صحيح الإسناد "! ورده الذهبي بقوله: " قلت: بل قال ابن معين في سليمان ابن
‏‏‏‏عتبة: لا شيء ".
‏‏‏‏قلت: وفي هذا التعقب إجحاف لأن ابن عتبة مختلف فيه كما ذكرنا هناك والذهبي
‏‏‏‏نفسه لما أورده في " الميزان " قال: " وثقه دحيم، ووهاه ابن معين، وقال
‏‏‏‏صالح جزرة: روى مناكير، وقد وثق ".
‏‏‏‏قلت: الذين وثقوه أعرف به من غيره، فإنهم دمشقيون، مثل دحيم، ومنهم أبو
‏‏‏‏مسهر بل إن أبا حاتم - على تشدده - قد قال فيه: " ليس به بأس، وهو محمود عند
‏‏‏‏الدمشقيين ".
‏‏‏‏__________جزء : 5 /صفحہ : 53__________
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‏‏‏‏فرجل قد قالوا فيه هذا التوثيق، ليس من الإنصاف صرف النظر عنه
‏‏‏‏والاعتماد على قول من جرحه، ولاسيما وهو جرح مبهم. والحق أن الرجل وسط،
‏‏‏‏حسن الحديث. والله أعلم.
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