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बीमारी, नमाज़ जनाज़ा और क़ब्रस्तान
1123. “ मय्यत को देख कर खड़े होने का कारण और इस का हुक्म ”
1124. “ जनाज़े के पीछे चलने वाले कब तक न बैठें ”
1125. “ दुनिया में बुख़ार जहन्नम की आग का बदल है ”
1126. “ रोग और परीक्षाएं पापों का कफ़्फ़ारह हैं ”
1127. “ परीक्षाएं कब कफ़्फ़ारह बन जाती हैं ”
1128. “ बीमारी पर सब्र करने की फ़ज़ीलत ”
1129. “ बीमारी सवाब और अज़ाब का कारण बनती है ”
1130. “ कुछ कारण मोमिन के पापों का कफ़्फ़ारह बन जाते हैं ”
1131. “ परीक्षाएं दर्जा बढ़ जाने का कारण बनती हैं ”
1132. “ परीक्षणों के कारण हिसाब किताब से छूट ”
1133. “ रोग को बुराभला न कहा जाए ”
1134. “ हर नुक़सान किसी न किसी पाप के कारण होता है ”
1135. “ रसूल अल्लाह ﷺ से प्यार करें वाला परीक्षा में रहता है ”
1136. “ नबियों और नेक लोगों की परीक्षा सख़्त होती है ”
1137. “ परीक्षा का बदला और सवाब अधिक होता है ”
1138. “ अँधा होने पर जन्नत ، लेकिन... ”
1139. “ रसूल अल्लाह ﷺ की मौत उम्मत के लिए सबसे बड़ा दुख ”
1140. “ बुख़ार को मदीने में रोक लिया गया ”
1141. “ क़ब्र पर कोई निशानी रखना ”
1142. “ क़ब्र पर पानी छिड़कना ”
1143. “ अज़ाब क़ब्र ”
1144. “ हज़रत सअद बिन मआज़ भी क़ब्र के दबोचने से न बच सके और बच्चा भी न बच सका ”
1145. “ मोमिन क़ब्र में पक्के क़दमों पर रहता है ”
1146. “ मोमिन की क़ब्र का फेल जाना ”
1147. “ दफ़न होने के बाद मय्यत से मुनकर और नकीर के सवाल ”
1148. “ नेक और बुरी मय्यत का हाल ”
1149. “ मोमिन और काफ़िर की मौत का दृश्य ، बरज़ख़ में मोमिनों की आत्माओं की आपस में बातचीत ”
1150. “ मोमिन और काफ़िर की आत्मा निकलने की हालत ”
1151. “ मरते समय मरने वाले को “ ला इलाहा इल्लल्लाह ” की नसीहत करना ”
1152. “ मृतक की आंखें बंद करना और उस समय कोई भलाई की बात करना ”
1153. “ रोगी की देखभाल के समय की दुआ ”
1154. “ रोगी की देखभाल का बदला और सवाब ”
1155. “ बंदा अपनी मौत की जगह पर कैसे पहुँचता है ? ”
1156. “ बेटे की मौत पर अल्लाह की ताअरीफ़ करने का सवाब ”
1157. “ दम करने के बारे में हदीसें ”
1158. “ सूरत अल-फ़ातेहा पढ़ कर दम करना और दम की मज़दूरी लेना ”
1159. “ अच्छा कफ़न देना और उस का कारण ”
1160. “ नमाज़ में मौत को याद करना ”
1161. “ मुशरिक को दफ़न करना ”
1162. “ मरने के बाद सवाब कैसे पहुंचता है ”
1163. “ साठ वर्ष की आयु पर पहुंचने के बाद बचने का कोई कारण नहीं रहता है ”
1164. “ आप ﷺ की उम्मत की आयु ”
1165. “ बुरी नज़र मौत का कारण हो सकती है ”
1166. “ कौन सा मोमिन समझदार है ”
1167. “ सेहत और भलाई का सवाल करना ”
1168. “ आप ﷺ परिवार के साथ रहम-दिली करते थे ”
1169. “ जिस को बुख़ार हो उस पर पानी डालना ”
1170. “ साधारण अच्छे लोग भी सिफ़ारिश करेंगे ”
1171. “ उम्मत के लोग किसी के अच्छे या बुरे होने के गवाह हैं ”
1172. “ शुरुआत में " अलेक अस्सलाम " ”علیک السلام“ कहना कैसा है ? ”
1173. “ आप ﷺ का मय्यत पर रोना ”
1174. “ क्या मय्यत को रोने पीटने और मातम करने से अज़ाब होता है ”
1175. “ रोने पीटने ، मूंह नोचने और गिरेबान फाड़ने का बोझ ”
1176. “ एक मय्यत पर तीन दिन के बाद नमाज़ जनाज़ा ”
1177. “ कलोंजी में शिफ़ा है ”
1178. “ क़ब्र पर बैठना मना है ”
1179. “ आप ﷺ की क़ब्र पर जाने का नियम ”
1180. “ आप ﷺ का क़ब्रस्तान जाकर मुर्दों के लिए दुआ करना ”
1181. “ काफ़िर की क़ब्र के पास से गुज़रते समय उसे जहन्नम की ख़ुशख़बरी सुनाई जाए ”
1182. “ एक दिन में पांच नेक कर्म करने पर जन्नत की ख़ुशख़बरी ”
1183. “ सहाबा कराम से आपत्ति न करने का कारण ”
1184. “ सिंगी लगवाना ”
1185. “ बांसुरी और हलाकत की आवाज़ों पर लाअनत ”
1186. “ मोमिन के सारे मामलों में भलाई है ”
1187. “ आत्मा का निकलना किसी की पसंद-नापसंद पर निर्भर नहीं करता है ”
1188. “ कफ़न की चोरी करने पर लाअनत ”
1189. “ ऊंटनी का दूध और पेशाब का दवा के तोर पर उपयोग करना ”
1190. “ हजर असवद को जन्नत से लाया गया लेकिन उसकी बरकतें क्यों ख़त्म हो गईं ”
1191. “ मय्यत के लिए चालीस मोमिनों की सिफ़ारिश स्वीकार की जाती है ”
1192. “ संवेदना प्रकट करने का सवाब ”
1193. “ कम आयु के नाबालिग़ बच्चे मरने के बाद अपने माता-पिता की क्षमा का कारण बनते हैं ”
1194. “ आदमी के माल ، परिवार और कर्मों की मिसाल ”
1195. “ सोते समय हाथों को साफ़ करना ”
1196. “ मस्जिद में नमाज़ जनाज़ा पढ़ना कैसा है ”
1197. “ औरतों का नमाज़ जनाज़ा में शामिल होना कैसा है ”
1198. “ मुर्दों को बुराभला कहना मना है ”
1199. “ मुर्दे की बुराई को छुपाने और उसे कफ़न देने की फ़ज़ीलत ”
1200. “ सब को मौत का मज़ा चखना है क्योंकि... ”
1201. “ तीन चीज़ें मय्यत के पीछे चलती हैं लेकिन... ”
1202. “ जो जिस हालत में मरेगा वह उसी हालत में उठाया जाएगा ”
1203. “ निमोनिया के रोग से मरने वाला शहीद है ”
1204. “ हक़ मारने वाले को कब तक तकलीफ़ दी जाती रहेगी ”
1205. “ बिना भुगतान के उधार को क्षमा नहीं किया जाता है ، सिवाय इसके... ”
1206. “ रोगियों को खाने-पीने के लिए मजबूर न किया जाए क्योंकि... ”
1207. “ जन्नतम में जाने वाला दुनिया की तकलीफ़ों को और जहन्नम में जाने वाला दुनिया के आराम को भूल जाएगा ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
المرض والجنائز والقبور
بیماری، نماز جنازہ، قبرستان
बीमारी, नमाज़ जनाज़ा और क़ब्रस्तान
ایک میت پر تین ایام کے بعد نمازہ جنازہ
“ एक मय्यत पर तीन दिन के बाद नमाज़ जनाज़ा ”
حدیث نمبر: 1750
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
- (صلى على ميت بعد موته بثلاث).- (صلى على مَيِّتٍ بعد موتِهِ بثلاثٍ).
سیدنا عبداللہ بن عباس رضی اللہ عنہما سے روایت ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے ایک میت پر اس کی موت کے تین دن بعد نماز جنازہ پڑھی۔

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