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क़ुरआन की फ़ज़ीलत, दुआएं, अल्लाह की याद और दम करना
1960. “ क़ुरआन सीखना और सिखाना सबसे अच्छा कर्म है ”
1961. “ क़ुरआन की शिक्षा देने वालों का महान स्थान ، एक आयत पढ़ाने का बदला ”
1962. “ क़ुरआन पढ़ने वाले और उसके माता-पिता की फ़ज़ीलत ”
1963. “ क़ुरआन पढ़ने और सीखने का हुक्म ”
1964. “ विद्वान वह है जो पहली सात सूरतों को समझता है ”
1965. “ क़ुरआन क्या है ”
1966. “ अल्लाह तआला की ओर जाने का सबसे अच्छा तरीक़ा क़ुरआन है ”
1967. “ क़ुरआन के बारे में झगड़ा नहीं करना चाहिए ”
1968. “ एक ही सूरत बहुत थी ”
1969. “ क़ुरआन चमड़े के अंदर हो तो आग नहीं जलाती है ”
1970. “ क़ुरआन हमारा मार्गदर्शक है ”
1971. “ आसमानी किताबें उतारे जाने की तारीखें ”
1972. “ हर साल जिब्राइल अलैहिस्सलाम के साथ रसूल अल्लाह ﷺ का क़ुरआन पढ़ना ”
1973. “ क़ुरआन के कारण सम्मान और अपमान ”
1974. “ क़ुरआन पढ़ने वाले का सबसे अच्छा क़ुरआन पढ़ने का तरीक़ा ”
1975. “ कब तक क़ुरआन पढ़ा जाना चाहिए ”
1976. “ देख कर क़ुरआन पढने का मतलब अल्लाह और उसके रसूल ﷺ से मुहब्बत ”
1977. “ क़ुरआन सिफ़ारिश करेगा ”
1978. “ क़ुरआन दुनिया के लिए नहीं पढ़ना चाहिए और क़ुरआन सिखाने की मज़दूरी लेना कैसा है ”
1979. “ मधुर आवाज़ में क़ुरआन पढ़ना चाहिए ”
1980. “ मधुर आवाज़ क़ुरआन की सुंदरता है ”
1981. “ मधुर आवाज़ में क़ुरआन पढ़ने के कारण अशअरी लोगों की सराहना ”
1982. “ क़ुरआन जल्दी जल्दी पानी पीने की तरह नहीं पढ़ना चाहिए ”
1983. “ क़ुरआन को समझ कर पढ़ना चाहिए ”
1984. “ सूरत अत-तकवीर सूरत अल-इंशिक़ाक़ और सूरत अल-इन्फ़ितार में क़यामत ”
1985. “ ठहर ठहर कर क़ुरआन पढ़ना ”
1986. “ जिन्नों का सूरत अर-रहमान की आयतों का जवाब देना ”
1987. “ सज्दा तिलावत ( क़ुरआन में सज्दे की आयत ) की दुआ ”
1988. “ दवात और क़लम ने भी आप ﷺ के साथ सज्दा किया ”
1989. “ क़ुरआन के एक अक्षर पर दस नेकियां ”
1990. “ अल्लाह को याद करने और क़ुरआन पढ़ने की वसीयत ”
1991. “ सूरत अल-फ़ातेहा क़ुरआन का सबसे अफ़ज़ल भाग है ”
1992. “ क्या बिस्मिल्लाह « بِسْمِ اللَّـه » सूरत अल-फ़ातेहा की आयत है ”
1993. “ सूरत अल-बक़रह और सूरत आल-इमरान की फ़ज़ीलत ”
1994. “ घर में सूरत अल-बक़रह पढ़ने से शैतान घर में नहीं घुसता ”
1995. “ आयतुल-कुरसी पढ़ने से इंसान जिन्नों से सुरक्षित रहता है ”
1996. “ सूरत आल-इमरान की आयत « إِنَّ فِي خَلْقِ السَّمَاوَاتِ » की एहमियत ”
1997. “ सूरत अल-कहफ़ की फ़ज़ीलत ”
1998. “ सूरत अल-मुल्क की फ़ज़ीलत ”
1999. “ सूरत अल-काफ़िरून की फ़ज़ीलत ”
2000. “ सूरत अल-इख़लास क़ुरआन का एक तिहाई भाग है ”
2001. “ दस दफ़ा सूरत अल-इख़लास पढ़ने का सवाब ”
2002. “ सूरत अल-फ़लक़ और सूरत अन-नास की फ़ज़ीलत ”
2003. “ आप ﷺ पर जादू और उस का तोड़ ، नबियों और रसूलों पर जादू किया जा सकता है ”
2004. “ क़ुरआन सात लहजों से पढ़ा जा सकता है ”
2005. “ कितने दिन में पूरा क़ुरआन पढ़ा जा सकता है ”
2006. “ आयत के बारे में रसूल अल्लाह ﷺ का हज़रत अबी रज़ि अल्लाहु अन्ह से पूछना ”
2007. “ वे आयतें जिन का पढ़ना मना कर दिया गया लेकिन हुक्म बाक़ी रहा ”
2008. “ क़ुरआन पढ़ने पर सुकून और आराम का उतारा जाना ”
2009. “ आप ﷺ हर समय अल्लाह को याद करते थे ”
2010. “ अल्लाह को याद करने वाले शब्द अर्श के आस पास होते हैं ”
2011. “ अल्लाह को याद करने वाले लोगों की सभा की फ़ज़ीलत और इनाम ”
2012. “ अल्लाह को याद करना जन्नत में पेड़ लगाना है
2013. “ फ़जर की नमाज़ से सूर्य निकलने तक और असर की नमाज़ से सूर्य डूबने तक अल्लाह को याद करने की फ़ज़ीलत ”
2014. “ फ़जर की नमाज़ से चाशत की नमाज़ तक लगातार अल्लाह को याद करने से अधिक अच्छे शब्द ”
2015. “ अल्लाह को याद करने के सिवा हर चीज़ बेकार है ”
2016. “ सबसे अच्छे शब्द ”
2017. “ सबसे अफ़ज़ल शब्द ”
2018. “ दिन रात कहे जाने वाले शब्दों से अफ़ज़ल शब्द ”
2019. “ हेर ऊँची जगह पर “ अल्लाहु अकबर ” « اللهُ أَكْبَرُ » कहना ”
2020. “ इंसान के लिए एक सेवक रखने से अच्छे शब्द ، सोन से पहले के शब्द ”
2021. “ शैतान से सुरक्षित रहने के शब्द ، आप ﷺ पर शैतानों का हमला लेकिन ... ”
2022. “ वे शब्द जिन के माध्यम से अपने से पहले वालों का ( स्थान ) मिल जाए और बाद वाले तुम्हारे ( दर्जे ) तक न पहुंच सकें ”
2023. “ वे शब्द जो जीवन के अंतिम दिनों में पढ़े जाएं ”
2024. “ अल्लाह को याद करने वाले को अल्लाह तआला भी याद करता है ”
2025. “ अल्लाह को याद करने वाली सभाएं जन्नत का बाग़ है ”
2026. “ जिस सभा में अल्लाह को याद किया जाता है उसकी ग़नीमत ( लाभ ) जन्नत है ”
2027. “ ला हौल वला क़ुव्व्ता इल्ला बिल्लाह « لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَٰهِ » की फ़ज़ीलत ”
2028. “ रोज़ाना एक हज़ार नेकियां ”
2029. “ दुनिया और उस में जो कुछ है उस पर लाअनत है सिवाए अल्लाह की याद और उसे सिखाने और सीखने वाले के ”
2030. “ वज़न में भारी शब्द ”
2031. “ बाक़ी रहने वाली नेकियाँ ”
2032. “ सौ सौ दफ़ा “ सुब्हान अल्लाह ” “ अल-हमदु लिल्लाह ” “ अल्लाहु अकबर ” “ ला इलाहा इल्लल्लाह ” कहने का बड़ा सवाब ”
2033. “ कलमा तौहीद “ ला इलाहा इल्लल्लाह ” मुक्ति दिलाता है ”
2034. “ अल-हमदु लिल्लाहि कसीरा ” « الحَمْدُ لِلَّهِ كَثِيرًا » का सवाब ”
2035. “ अल्लाह की याद कंजूसी ، कायरता और चिंता का इलाज है ”
2036. “ जो अल्लाह को याद करना पसंद करते हैं, वे आगे निकल जाएंगे ”
2037. “ अल्लाह को याद करना भी सदक़ह है ”
2038. “ तस्बीह पढ़ने से अल्लाह की तअरीफ़ और अल्लाह की बढ़ाई बयान करने से पाप पेड़ के पत्तों की झड़ जाते हैं ”
2039. “ आप ﷺ को उम्मतियों के दरूद भेजने का कैसे पता चलता है ”
2040. “ आप ﷺ की ओर से दरूद और सलाम का जवाब ”
2041. “ आप ﷺ पर दरूद और सलाम भेजने की फ़ज़ीलत ”
2042. “ जुमआ के दिन आप ﷺ पर बहुत दरूद भेने का हुक्म ، क्या नबियों और रसूलों के शरीर क़ब्रों में ठीक हैं ”
2043. “ मुहम्मद ﷺ का नाम सुन कर दरूद न भेजने वाला जन्नत के रस्ते से भटक गया ”
2044. “ दुआ स्वीकार की जाए इसके लिए दरूद की एहमियत ”
2045. “ जन्नत का दर्जा वसीले की दुआ करना ”
2046. “ सारे नबियों और रसूलों पर दरूद और सलाम भेजा जाए ”
2047. “ जितना अधिक हो सके अल्लाह से मांगो ”
2048. “ फ़रिश्तों की दुआएं कैसे पाई जा सकती हैं किसी के पीछे उस के लिए की गई दुआ स्वीकार की जाती है ”
2049. “ वे दुआएं जो आप ﷺ किया करते थे ”
2050. “ वह दुआ जो सभा का कफ़्फ़ारह है ”
2051. “ अल्लाह ग़ुस्सा करता है यदि उसको याद न किया जाए ”
2052. “ क्या दुआ भाग्य बदल सकती है ? ”
2053. “ अफ़ज़ल दुआ ”
2054. “ भलाई की दुआ करना ”
2055. “ दुख को टालने की दुआ ”
2056. “ दुखी इंसान का दुख दूर करने की दुआ ”
2057. “ घबराहट के समय की दुआ ”
2058. “ दुख और तकलीफ़ के समय की दुआ ”
2059. “ मुसीबत के समय हज़रत यूनुस अलैहिस्सलाम की दुआ पढ़ी जाए ”
2060. “ किसी बस्ती में जाने की दुआ ”
2061. “ बज़ार में जाने की दुआ ”
2062. “ किसी को मुसीबत में देखे तो यह दुआ पढ़े ”
2063. “ यात्रा में सेहरी खाते समय की दुआ ”
2064. “ तेज़ हवा चलते समय की दुआ ”
2065. “ भयानक हवा चलते समय की दुआ ”
2066. “ वुज़ू करने के बाद की दुआ ”
2067. “ सेना को भेजते समय की दुआ ”
2068. “ ईमान को ताज़ा करने की दुआ और कारण ”
2069. “ सवारी पर सवार होते समय की दुआ ”
2070. “ अच्छी या बुरी चीज़ देखते समय की दुआ ”
2071. “ हिलाल यानि पहले दिन का चाँद देखने की दुआ ”
2072. “ चाँद से शरण लेना और उसका कारण ”
2073. “ बारिश के लिए उलटे हाथों दुआ करना ”
2074. “ किन लोगों की दुआ स्वीकार की जाती है ”
2075. “ दुआ करना अफ़ज़ल इबादत है ”
2076. “ रिज़्क़ में तंगी हो तो उस समय की दुआ ”
2077. “ ग़ुस्सा दूर करने की दुआ ”
2078. “ क़र्ज़ चुकाने की दुआ ”
2079. “ लैलतुल क़द्र ( शब क़द्र ) की दुआ ”
2080. “ किसी स्थान पर ठहरन के लिए तंबू लगाते समय की दुआ ”
2081. “ मुर्ग़े की अज़ान और गधे की आवाज़ सुनते समय की दुआ ”
2082. “ बुरे सपनों को दूर करने की दुआ ”
2083. “ कठिनाइयों में दुआ कब स्वीकार की जाती है ? ”
2084. “ नमाज़ से संबंधित दुआएं और दुआ इस्तफ़तह ”
2085. “ नमाज़ के बाद पढ़ने वाले शब्द ”
2086. “ अल्लाह की तारीफ़ करने वाले लोग अफ़ज़ल हैं ”
2087. “ अल्लाह को अपनी तारीफ़ पसंद है ”
2088. “ वे शब्द जो अल्लाह को पसंद हैं या पसंद नहीं हैं ”
2089. “ सभी प्राणियों द्वारा की गई अल्लाह तआला की तारीफ़ को कहने का ढंग ”
2090. “ अल्लाह की विशेषताओं पर आधारित दुआएं और उनका अच्छा नतीजा ”
2091. “ यदि पूरी कोशिश के साथ दुआ करनी है तो ”
2092. “ सुबह और शाम को पढ़ने वाले शब्द और सय्यदुल इस्तग़फ़ार ”
2093. “ सोते समय की दुआएं और उसका ढंग ”
2094. “ मज़लूम की बद-दुआ स्वीकार की जाती है ”
2095. “ दुआ करते समय दुआ के स्वीकार हो जाने का विश्वास होना चाहिए ”
2096. “ दम करना और उसके प्रकार ”
2097. “ क्या दाग़ना और दम करवाना विश्वास के विपरीत है ? ”
2098. “ तअवीज़ गंडा करना ”
2099. “ अल्लाह ताला के नाम से नसीहत की जाए तो बाज़ आजाना चाहिए ”
2100. “ जन्नत अल-फ़िरदौस मांगना और उसका कारण ”
2101. “ एक स्थायी बुरे पड़ोसी से बचने की शरण मांगना ”
2102. “ नज़र लग जाना सच है ”
2103. “ इसमे आज़म ”
2104. “ शुक्र करने के अफ़ज़ल शब्द ”
2105. “ जुमा के दिन की वह घड़ी जब दुआ स्वीकार की जाती है ”
2106. “ या ज़ल जलालि वल इकराम ” «يَا ذَا الجَلَالِ وَالإِكْرَام ‏‏ » ”
2107. “ हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह के लिए नबी ﷺ की दुआ और उसका फल ”
2108. “ बदर वालों के लिए नबी ﷺ की दुआ और उसका फल ”
2109. “ अल्लाह के जीव को देख कर बनाने वाले यानि अल्लाह को याद करना ”
2110. “ ज़िना की अनुमति मांगने वाले को समझाने का नबी ﷺ का तरीक़ा और उसके लिए दुआ ”
2111. “ अल्लाह तआला के दोस्तों की निशानियां ”
2112. “ वज़न में भारी शब्द ”
2113. “ क़ुरैश के सरदारों के लिए आप ﷺ की बद-दुआ और उसका स्वीकार हो जाना ”
2114. “ ग़रीबी ، भुकमरी ، रुस्वाई और अत्याचार से अल्लाह की शरण मांगना ”
2115. “ आधी रात में की गई दुआ स्वीकार की जाती है
2116. “ आप ﷺ की उम्मत के लिए दुआ और उसका स्वीकार हो जाना
2117. “ अच्छे लोग और अच्छे कर्म
2118. “ शिर्क के सिवा सारे पाप क्षमा किये जा सकते हैं
2119. “ तोबा और रहमत का दरवाज़ा
2120. “ भाषण देने वाले कितने प्रकार के हैं
2121. “ सहाबा के ईमान की हालत
2122. “ यूसुफ़ अलैहिस्सलाम और आप ﷺ की नम्रता
2123. “ इस्लाम की हालत में मिलने वाला जीवन बहुत अनमोल है
2124. “ सात सात दफ़ा जन्नत मांगना और जहन्नम से शरण मांगनी चाहिए ”
2125. “ अस्तग़फ़ार की फ़ज़ीलत ”
2126. “ आप ﷺ का सौ सौ दफ़ा क्षमा मांगना ”
2127. “ उठते ، बैठते और लेटते समय अल्लाह को याद करना चाहिए वरना .. ”
2128. “ औरतों को सलाम करना ”
2129. “ नमाज़ में क़याम यानि खड़े रहने के बीच दुआ करना ठीक है ”
2130. “ बिस्मिल्लाह ” « بِسْمِ اللَّـه » की बरकत और आप ﷺ का चमतकार ”
2131. “ शैतान से शरण मांगी जाए और उसे गली न दी जाए ”
2132. “ क़यामत के दिन कुछ लोगों की परीक्षा और अल्लाह का हुक्म न मानने की सज़ा ”
2133. “ नबी ﷺ के हुक्म को मानने की मिसाल ”

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क़ुरआन की फ़ज़ीलत, दुआएं, अल्लाह की याद और दम करना
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“ अल्लाह को याद करने वाले लोगों की सभा की फ़ज़ीलत और इनाम ”
حدیث نمبر: 2962
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
- (إن لله ملائكة سياحين في الارض؛ فضلا عن كتاب الناس [يلتمسون اهل الذكر] ؛ فإذا وجدوا قوما يذكرون الله تنادوا: هلموا إلى بغيتكم، فيجيئون فيحفون بهم إلى السماء الدنيا، فيقول الله: اي شيء تركتم عبادي يصنعون؟ فيقولون: تركناهم يحمدونك، ويمجدونك، ويذكرونك، فيقول: هل راوني؟ فيقولون: لا، فيقول: فكيف [لو راوني]؟ فيقولون: لو راوك لكانوا اشد تحميدا وتمجيدا وذكرا، فيقول: فاي شيء يطلبون؟ فيقولون: يطلبون الجنة، فيقول: وهل راوها؟ قال: فيقولون: لا، فيقول: فكيف لو راوها؟ فيقولون: لو راوها كانوا اشد عليها حرصا، واشد لها طلبا، قال: فيقول: ومن اي شيء يتعوذون؟ فيقولون: من النار، فيقول: وهل راوها؟ فيقولون: لا، قال: فيقول: فكيف لو راوها؟ فيقولون: لو راوها كانوا اشد منها هربا، واشد منها خوفا، قال: فيقول: إني اشهدكم اني قد غفرت لهم، قال: فيقولون: فإن فيهم فلانا الخطاء؛ لم يردهم، إنما جاء لحاجة؟! فيقول: هم القوم لا يشقى بهم جليسهم).- (إن لله ملائكة سيّاحين في الأرض؛ فُضُلأ عن كُتَّاب الناس [يلتمسون أهل الذكر] ؛ فإذا وجدُوا قوماً يذكرون الله تنادوا: هلموا إلى بغيتكم، فيجيئون فيحفُّون بهم إلى السّماء الدنيا، فيقول الله: أي شيء تركتم عبادي يصنعون؟ فيقولون: تركناهم يحمدونك، ويمجِّدونك، ويذكرونك، فيقول: هل رأوني؟ فيقولون: لا، فيقول: فكيف [لو رأوني]؟ فيقولون: لو رأوك لكانوا أشد تحميداً وتمجيداً وذكراً، فيقول: فأي شيء يطلبون؟ فيقولون: يطلبون الجنة، فيقول: وهل رأوها؟ قال: فيقولون: لا، فيقول: فكيف لو رأوها؟ فيقولون: لو رأوها كانوا أشد عليها حرصاً، وأشد لها طلباً، قال: فيقول: ومن أي شيء يتعوذون؟ فيقولون: من النار، فيقول: وهل رأوها؟ فيقولون: لا، قال: فيقول: فكيف لو رأوها؟ فيقولون: لو رأوها كانوا أشد منها هرباً، وأشد منها خوفاً، قال: فيقول: إني أشهدكم أني قد غفرت لهم، قال: فيقولون: فإن فيهم فلاناً الخطّاء؛ لم يردهم، إنما جاء لحاجة؟! فيقول: همُ القوم لا يشقى بهم جليسهم).
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے، نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: لوگوں کے اعمال لکھنے والے فرشتوں کے علاوہ کچھ اور فرشتے بھی ہیں جو اہل ذکر کی تلاش میں زمین میں گھومتے رہتے ہیں، جب وہ محو ذکر لوگوں کی جماعت کو پاتے ہیں تو ایک دوسرے کو بآواز بلند پکارتے ہیں: اپنے مقصود کی طرف آ جاؤ، سو وہ آتے ہیں اور انہیں آسمان دنیا تک گھیر لیتے ہیں۔ (‏‏‏‏جب یہ فرشتے واپس جاتے ہیں تو) اللہ تعالیٰ پوچھتے ہیں: جب تم نے میرے بندوں کو الوداع کہا تو وہ کیا کر رہے تھے؟ وہ کہتے ہیں: جب ہم نے ان کو چھوڑا تو وہ تیری تعریف کر رہے تھے، تیری بزرگی بیان کر رہے تھے اور تیرا ذکر کر رہے تھے۔ (‏‏‏‏آسانی کے لیے اللہ تعالیٰ اور فرشتوں کی گفتگو مکالمے کی صورت میں پیش کی جاتی ہے): اللہ تعالیٰ: کیا انہوں نے مجھے دیکھا ہے؟ فرشتے: نہیں۔ اللہ تعالیٰ: اگر وہ مجھے دیکھ لیں تو (‏‏‏‏ان کا رویہ کیا ہو گا)؟ فرشتے: اگر وہ تجھے دیکھ لیں تو تیری تعریف کرنے، بزرگی بیان کرنے اور ذکر کرنے میں زیادہ سختی اور پابندی کریں گے۔ اللہ تعالیٰ: کون سی چیز ہے جو وہ طلب کر رہے تھے؟ فرشتے: وہ جنت کا مطالبہ کر رہے تھے۔ اللہ تعالیٰ: کیا انہوں نے جنت دیکھی ہے؟ فرشتے: نہیں۔ اللہ تعالیٰ: اگر وہ جنت دیکھ لیں تو؟ فرشتے: اگر وہ جنت دیکھ لیں تو ان کی حرص اور طلب بڑھ جائے گی۔ اللہ تعالیٰ: کون سی چیز ہے جس سے وہ پناہ طلب کرتے تھے؟ فرشتے: آگ سے۔ اللہ تعالیٰ: کیا انہوں نے آگ دیکھی ہے؟ فرشتے: نہیں۔ اللہ تعالیٰ: اگر وہ آگ کو دیکھ لیں تو؟ فرشتے: اگر وہ دیکھ لیں تو اس سے دور بھاگنے میں زیادہ سخت ہو جائیں گے اور اس سے زیادہ ڈریں گے۔ اللہ تعالیٰ: (‏‏‏‏ فرشتو!) میں تمہیں اس بات پر گواہ بناتا ہوں کہ میں نے ان کو بخش دیا ہے۔ فرشتے: ان میں فلاں آدمی تو خطا کار تھا، وہ کسی ضرورت کے لیے آیا تھا، اس کا مقصود ان کے ساتھ بیٹھنا نہیں تھا (‏‏‏‏تو اسے کیسے بخش دیا گیا)؟ اللہ تعالیٰ: وہ ایسی قوم ہیں کہ ان کا ہم نشین بھی نامراد نہیں ہوتا۔
حدیث نمبر: 2963
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" ما جلس قوم مجلسا يذكرون الله فيه إلا حفتهم الملائكة وتغشتهم الرحمة ونزلت عليهم السكينة وذكرهم الله فيمن عنده".-" ما جلس قوم مجلسا يذكرون الله فيه إلا حفتهم الملائكة وتغشتهم الرحمة ونزلت عليهم السكينة وذكرهم الله فيمن عنده".
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: کوئی قوم ایسی مجلس میں نہیں بیٹھی جس میں وہ اللہ تعالیٰ کا ذکر کر رہے ہوں مگر انہیں فرشتے گھیر لیتے ہیں، ان کو رحمت ڈھانپ لیتی ہے، ان پر سکینت نازل ہوتی ہے اور اللہ تعالیٰ ان کا ذکر ان لوگوں میں فرماتا ہے جو اس کے پاس ہوتے ہیں۔
حدیث نمبر: 2964
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" ما جلس قوم يذكرون الله عز وجل إلا ناداهم مناد من السماء: قوموا مغفور لكم قد بدلت سيئاتكم حسنات".-" ما جلس قوم يذكرون الله عز وجل إلا ناداهم مناد من السماء: قوموا مغفور لكم قد بدلت سيئاتكم حسنات".
سیدنا انس رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جو لوگ بھی اللہ تعالیٰ کا ذکر کرنے بیٹھتے ہیں، ایک منادی کرنے والا انہیں آسمان سے آواز دیتا ہے: کھڑے ہو جاؤ، تمہیں بخش دیا گیا ہے اور تمہاری برائیوں کو نیکیوں میں کر دیا گیا ہے۔

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