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जन्नत और जहन्नम
2560. “ अल्लाह तआला का ख़ुश होना जन्नत की सबसे बड़ी नेमत ”
2561. “ जन्नत अल-फ़िरदौस मांगनी चाहिए ”
2562. “ बिना हिसाब के जन्नत में जाने वालों की संख्या ”
2563. “ जन्नत में जाने वाला पहला समूह ”
2564. “ जन्नत में जाने वाले अंतिम व्यक्ति का हाल ”
2565. “ ज़र्रा बराबर ईमान वाला भी जहन्नम से बाहर आ जाएगा ”
2566. “ जन्नत में जीवन कैसा होगा ”
2567. “ जन्नत और दुनिया की तुलना ”
2568. “ जन्नत वाले सदा जागते हैं ”
2569. “ जन्नत कितनी बड़ी है ”
2570. “ जन्नत में आधे लोग रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत के होंगे ”
2571. “ जन्नत के लोगों के आनंद की एक झलक ”
2572. “ जन्नत का घोड़ा ”
2573. “ मोमिन के आराम के लिए उनके बच्चों को इनाम ”
2574. “ सदक़ह और उधार दिए जाने का सवाब ”
2575. “ अपनी आँखों के कारण जहन्नम की आग से कौन सुरक्षित रहेगा ? ”
2576. “ जन्नत की हूरों का गीत ”
2577. “ जन्नत के लोगों का संभोग करना ”
2578. “ जन्नत में जाने वाली सभी औरतें कुंवारी होंगी ”
2579. “ तलवारें जन्नत की कुंजी हैं ”
2580. “ जन्नत की लम्बी लम्बी छाया ”
2581. “ जन्नत के बाज़ार ”
2582. “ जन्नत में मोमिन का तम्बू ”
2583. “ जन्नत के दरवाज़े की चौड़ाई ”
2584. “ जन्नत के दर्जे ”
2585. “ जन्नत में कितनी जन्नतें हैं ”
2586. “ जन्नत कैसे बनाई गई ”
2587. “ जन्नत में सोने के महल ”
2588. “ तूबा क्या है ”
2589. “ दुनिया की और जन्नत की चीज़ों में क्या समानता है ? ”
2590. “ जन्नत के पेड़ों में कांटों की जगह रंग बिरंगे खाने होंगे ”
2591. “ फ़िरदौस जन्नत का सबसे ऊँचा भाग है ”
2592. “ रसूल अल्लाह ﷺ मिम्बर के पाए जन्नत में गढ़े हुए हैं , बूतहान की घाटी जन्नत का एक बग़ीचा ”
2593. “ जन्नत की मिट्टी ”
2594. “ जन्नत की कंघी और आग में जलने वाली लकड़ी ”
2595. “ जन्नत के लोगों का पहला खाना ”
2596. “ मुसलमानों के मरने वाले नाबालिग़ बच्चे अपने माता-पिता के जन्नत का कारण बनेंगे ”
2597. “ शहीद का अच्छा अंत ”
2598. “ शहीदों का बरज़ख़ी जीवन और उनका अंत अच्छा ”
2599. “ जन्नत की छोटी सी भी नेमत दुनिया और उसकी सब चीज़ों पर भरी है ”
2600. “ दुनिया में जन्नत की चीज़ें ”
2601. “ होज़ पर आने वालों की बड़ी संख्या ”
2602. “ सूरत अल-कोसर की तफ़्सीर ”
2603. “ जहन्नम से बचने और जन्नत में जाने के लिए किस तरह का जीवन गुज़ारना चाहिए ? ”
2604. “ जन्नती और जहन्नमी लोगों की आयु और शरीर ”
2605. “ जहन्नमी आदमी का एक दांत ओहद पहाड़ के बराबर का होगा ”
2606. “ समय से पहले रोज़ा तोड़ने वालों , कुफ़्र की हालत में मरने वालों , ज़िना करने वालों और अपने बच्चों को दूध न पिलाने वाली औरतों का अंत ”
2607. “ जन्नत और जहन्नम में जाने वाले लोग लिखे जा चुके हैं ”
2608. “ मोमिन को मारना या मारने की कोशिश एक गंभीर अपराध है ”
2609. “ मोमिनों का अल्लाह तआला से उन भाइयों के लिए बहस करना जो जहन्नम चले जाएंगे , आख़िरकार वे लोग जहन्नम से बाहर आजाएंगे , क्या नमाज़ी , हाजी और रोज़ेदार भी जहन्नम में जाएंगे ”
2610. “ जहन्नम में कुछ लोगों के अज़ाब की हालत ”
2611. “ मोमिनों और मुशरिकों के नाबालिग़ बच्चों का अंत ”
2612. “ जन्नत में औरतें कम जाएंगी ”
2613. “ जन्नत में ग़रीब लोग और जहन्नम में औरतें अधिक होंगी ”
2614. “ औरतों का जहन्नम में जाने का कारण ”
2615. “ कमज़ोर और मज़लूम लोग जन्नत में और अभिमानी और घमंडी लोग जहन्नम में ”
2616. “ काफ़िर सदा के लिए जहन्नम में रहेंगे ”
2617. “ किसी उम्मत को रहमत या अज़ाब देने का अल्लाह तआला का तरीक़ा ”
2618. “ जहन्नमी ख़ून के आंसू रोएंगे ”
2619. “ जहन्नम का सबसे हल्का अज़ाब ”
2620. “ जहन्नम में गर्म पानी का अज़ाब ”
2621. “ जहन्नम की गहराई ”
2622. “ जहन्नम कितनी बड़ी है ”
2623. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत के बारह मुनाफ़िक़ और उनका बुरा अंत ”
2624. “ जहन्नम के सांप बिच्छू और उनका ज़हर ”
2625. “ जहन्नम के कैसे कैसे अज़ाब ”
2626. “ आदम की औलाद का अंत कैसा ”
2627. “ जन्नत और जहन्नम के दरवाज़ों की संख्या ”
2628. “ सूर्य और चाँद नरक में होंगे ”
2629. “ लोगों को पीटने वालों और नंगी और आधी-नंगी औरतों का बुरा अंत ”
2630. “ जहन्नम के लोग जन्नत में अपना स्थान देखेंगे और जन्नत के लोग जहन्नम में अपना स्थान देखेंगे ”
2631. “ जन्नत में न जाने वालों की निशानियां ”
2632. “ जहन्नमी व्यक्ति का दुर्भाग्य ”
2633. “ जन्नत और जहन्नम का बंदे के लिए सिफ़ारिश करना ”
2634. “ हर व्यक्ति के लिए दोनों में से एक ठिकाना तय किया जा चूका है ”
2635. “ सदा रोज़ा रखने वाले का बुरा अंत ”
2636. “ क़यामत के दिन आदम की सारी औलाद रसूल अल्लाह ﷺ के झंडे तले होगी ”
2637. “ जन्नत सबसे अच्छा है और जहन्नम सबसे बुरा ठिकाना ”
2638. “ दूसरों को दीन समझाना और ख़ुद अमल न करने वालों का बुरा अंत ”
2639. “ सरकशी , शिर्क और क़त्ल गंभीर अपराध हैं ”
2640. “ हर कोई एक बार जहन्नम में जाएगा ”
2641. “ काफ़िरों की जहन्नम से मुक्त होने की आशा ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
الجنة والنار
جنت اور جہنم
जन्नत और जहन्नम
الکوثر کی تفسیر اور اس کی کیفیت
“ सूरत अल-कोसर की तफ़्सीर ”
حدیث نمبر: 3972
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-" اعطيت الكوثر، فإذا هو نهر يجري [كذا على وجه الارض] ولم يشق شقا، فإذا حافتاه قباب الؤلؤ، فضربت بيدي إلى تربته، فإذا هو مسكة ذفرة، وإذا حصاه اللؤلؤ".-" أعطيت الكوثر، فإذا هو نهر يجري [كذا على وجه الأرض] ولم يشق شقا، فإذا حافتاه قباب الؤلؤ، فضربت بيدي إلى تربته، فإذا هو مسكة ذفرة، وإذا حصاه اللؤلؤ".
سیدنا انس بن مالک رضی اللہ عنہ نے یہ آیت پڑھی: «إِنَّا أَعْطَيْنَاكَ الْكَوْثَرَ» ‏‏‏‏ (۱۰۸-الکوثر:۱) بیشک ہم نے آپ کو کوثر عطا کی ہے۔ اور کہا کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: مجھے کوثر عطا کی گئی ہے، وہ ایک نہر ہے جو بغیر شق کے سطح زمین پر چلتی ہے، اس کے کناروں پر لؤلؤ موتیوں کے قبے ہیں، میں نے اپنا ہاتھ اس کی مٹی پر مارا تو کیا دیکھتا کہ وہ تو انتہائی تیز مہکنے والی کستوری ہے اور اس کی کنکریاں لؤلؤ موتی ہیں۔
حدیث نمبر: 3973
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- (بينا انا اسير في الجنة؛ إذ عرض لي نهر حافتاه قباب اللؤلؤ، قلت للملك: ما هذا [يا جبريل]؟! قال: هذا الكوثر الذي اعطاكه الله، قال: ثم ضرب بيده إلى طينه (¬1)، فاستخرج مسكا، ثم رفعت لي سدرة المنتهى، فرايت عندها نورا عظيما).- (بينا أنا أسير في الجنة؛ إذ عُرضَ لي نهرٌ حافتاه قباب اللؤلؤ، قلت للملك: ما هذا [يا جبريل]؟! قال: هذا الكوثر الذي أعطاكه الله، قال: ثم ضرب بيده إلى طينه (¬1)، فاستخرج مسكاً، ثم رُفعت لي سِدرةُ المنتهى، فرأيت عندها نوراً عظيماً).
سیدنا انس رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ نبی اکرم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں جنت میں چل رہا تھا، کہ ایک نہر تک جا پہنچا، اس کے کناروں پر لؤلؤ کے قبے تھے۔ میں نے فرشتے سے کہا: جبریل! یہ کیا ہے؟ اس نے کہا: یہ وہی نہر کوثر ہے جو اللہ تعالیٰ نے آپ کو عطا کی۔ پھر آپ نے اپنا ہاتھ اس کی مٹی پر مارا اور (‏‏‏‏مٹی کی جگہ پر) کستوری نکالی۔ پھر «سدرة المنتهى» کو میرے سامنے لایا گیا، میں نے اس کے پاس بہت زیادہ نور دیکھا۔
حدیث نمبر: 3974
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-" ذاك نهر اعطانيه الله - يعني - في الجنة، اشد بياضا من اللبن واحلى من العسل فيه طير اعناقها كاعناق الجزر. قال عمر: إن هذه لناعمة: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: اكلتها انعم منها".-" ذاك نهر أعطانيه الله - يعني - في الجنة، أشد بياضا من اللبن وأحلى من العسل فيه طير أعناقها كأعناق الجزر. قال عمر: إن هذه لناعمة: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: أكلتها أنعم منها".
سیدنا انس بن مالک رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم سے یہ سوال کیا گیا: کوثر کیا ہے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے جواب دیا: ‏‏‏‏وہ جنت میں ایک نہر ہے جو اللہ تعالیٰ نے مجھے عطا کی ہے، اس کا پانی دودھ سے زیادہ سفید اور شہد سے زیادہ میٹھا ہے، اس میں ایسے پرندے ہیں جن کر گردنیں اونٹنیوں کی گردنوں کی طرح ہیں۔ سیدنا عمر رضی اللہ عنہ نے کہا: وہ تو بڑے موٹے تازے پرندے ہوں گے۔ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ان کو کھانا اس سے بھی زیادہ خوشگوار ہو گا۔

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