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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
حدود، معاملات، احکام
सीमाएं, मामले, नियम
924. نمازی کو مارنا منع ہے
“ नमाज़ी को मारना मना है ”
حدیث نمبر: 1324
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-" لا تضربه، فإني نهيت عن ضرب اهل الصلاة".-" لا تضربه، فإني نهيت عن ضرب أهل الصلاة".
سیدنا ابوامامہ رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ آپ صلی اللہ علیہ وسلم کہیں سے دو غلاموں سمیت تشریف لائے، ان میں سے ایک سیدنا علی صلوات اللہ علیہ کو ہبہ کرتے ہوئے فرمایا: اس کو مارنا نہیں۔ کیونکہ مجھے نمازیوں کو مارنے سے منع کیا گیا ہے اور ہم جب سے وہاں روانہ ہوئے ہیں، میں اس کو نماز پڑھتے دیکھ رہا ہوں۔ دوسرا غلام سیدنا ابوزر رضی اللہ عنہ کو دیا اور فرمایا: اس کے ساتھ حسن سلوک سے پیش آنا۔ انہوں نے اسے آزاد کر دیا۔ (ایک دن) آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے ان سے (غلام کے بارے میں پوچھا: کہ)وہ کیسا چل رہا ہے؟ انہوں نے کہا: آپ نے مجھے وصیت کی تھی کہ میں اس کے ساتھ حسن سلوک سے پیش آؤں، (اس وصیت پر عمل کرے ہوئے) میں نے اسے آزاد کر دیا ہے۔
हज़रत अबु उमामह रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कहीं से दो ग़ुलामों के साथ आए, उन में से एक हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह को दान करते हुए फ़रमाया ! “इस को मारना नहीं क्यूंकि मुझे नमाज़ियों को मारने से मना किया गया है और हम जब से वहां से रवाना हुए हैं, में इस को नमाज़ पढ़ते देख रहा हूँ।” दूसरा ग़ुलाम हज़रत अबू ज़र रज़ि अल्लाहु अन्ह को दिया और फ़रमाया ! “इस के साथ अच्छा व्यवहार करना।” उन्हों ने उसे मुक्त कर दिया। (एक दिन) आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उन से (ग़ुलाम के बारे में पूछा) “वह केसा चल रहा है ?” उन्हों ने कहा कि आप ने मुझे वसीयत की थी कि मैं उस के साथ अच्छा व्यवहार करूं (इस वसीयत पर अमल करे हुए) मैं ने उसे मुक्त कर दिया है।
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 2379

قال الشيخ الألباني:
- " لا تضربه، فإني نهيت عن ضرب أهل الصلاة ".
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‏‏‏‏أخرجه البخاري في " الأدب المفرد " (163) من طريق أبي غالب عن أبي أمامة
‏‏‏‏قال: " أقبل النبي صلى الله عليه وسلم معه غلامان، فوهب أحدهما لعلي صلوات
‏‏‏‏الله عليه، وقال: (فذكره) ، وإني رأيته يصلي منذ أقبلنا، وأعطى أبا ذر
‏‏‏‏غلاما وقال: استوص به معروفا،
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‏‏‏‏فأعتقه، فقال: ما فعل؟ قال: أمرتني أن
‏‏‏‏أستوصي به خيرا، فأعتقته ". قلت: وهذا إسناد حسن، رجاله ثقات رجال مسلم
‏‏‏‏غير أبي غالب هذا وهو صاحب أبي أمامة وهو متكلم فيه، ولا ينزل حديثه عن
‏‏‏‏رتبة الحسن. وله شاهد من حديث أبي هريرة مرفوعا بلفظ: " إني نهيت عن قتل
‏‏‏‏المصلين ". أخرجه أبو يعلى في " مسنده " (4 / 1455) وغيره، انظر " المشكاة
‏‏‏‏" (4481) . وعن عمر بن أبي سلمة عن أبيه مرسلا. رواه الطحاوي في " مشكل
‏‏‏‏الآثار " (1 / 196) في قصة جوع النبي صلى الله عليه وسلم وأبي بكر وعمر
‏‏‏‏ومجيئهم إلى منزل أبي الهيثم وإعطائه إياه خادما من السبي وفيه يقول: " خذ
‏‏‏‏هذا واستوص به خيرا فإني رأيته يصلي، وإني نهيت عن المصلين ".
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