الحمدللہ! انگلش میں کتب الستہ سرچ کی سہولت کے ساتھ پیش کر دی گئی ہے۔

 
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
سفر، جہاد، غزوہ اور جانور کے ساتھ نرمی برتنا
यात्रा, जिहाद, जंग और जानवरों के साथ नरमी करना
1381. معذب اقوام کی جائے عذاب سے کیسے گزرا جائے؟
“ उन जगहों से कैसे गुज़रें जहां अज़ाब हुआ हो ”
حدیث نمبر: 2113
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" لا تدخلوا على هؤلاء القوم المعذبين إلا ان تكونوا باكين، فإن لم تكونوا باكين فلا تدخلوا عليهم ان يصيبكم ما اصابهم".-" لا تدخلوا على هؤلاء القوم المعذبين إلا أن تكونوا باكين، فإن لم تكونوا باكين فلا تدخلوا عليهم أن يصيبكم ما أصابهم".
سیدنا عبداللہ بن عمر رضی اللہ عنہما سے روایت ہے کہ جب رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم حجر مقام (منازل ثمود) کے پاس سے گزرے تو فرمایا: جن مکانات میں گزشتہ اقوام کو عذاب دیا گیا وہاں روتے ہوئے داخل ہوا کرو، اگر تم نہیں رو سکتے تو وہاں داخل نہ ہوا کرو۔ کہیں ایسا نہ ہو کہ تمہیں بھی اسی عذاب میں مبتلا کر دیا جائے۔ پھر آپ نے کجاوہ پر بیٹھے بیٹھے اپنی چادر اوپر اوڑھ لی۔
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ि अल्लाहु अन्हुमा से रिवायत है कि जब रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हजर (समूद) की जगहों के पास से गुज़रे तो फ़रमाया ! ’’ जिन मकानात में पिछली जातियों को अज़ाब दिया गया वहां रोते हुए जाया हुआ करो, यदि तुम नहीं रो सकते तो वहां जाया न करो। कहीं ऐसा न हो कि तुम्हें भी उसी अज़ाब में डाल दिया जाए।” फिर आप ने काठी पर बैठे बैठे अपनी चादर उपर ओढ़ ली।
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 19

قال الشيخ الألباني:
- " لا تدخلوا على هؤلاء القوم المعذبين إلا أن تكونوا باكين، فإن لم تكونوا باكين فلا تدخلوا عليهم أن يصيبكم ما أصابهم ".
‏‏‏‏_____________________
‏‏‏‏
‏‏‏‏(وتقنع بردائه وهو على الرحل) .
‏‏‏‏(عن ابن عمر) :
‏‏‏‏ورواه أحمد (2 / 9، 58، 66، 72، 74، 91، 96، 113، 137) والزيادة
‏‏‏‏له.
‏‏‏‏وقد ترجم لهذا الحديث صديق خان في " نزل الأبرار " (ص 293) بـ " باب البكاء
‏‏‏‏والخوف عند المرور بقبور الظالمين وبمصارعهم وإظهار الافتقار إلى الله تعالى
‏‏‏‏والتحذير من الغفلة عن ذلك ".
‏‏‏‏أسأل الله تعالى أن يفقهنا في ديننا وأن يلهمنا العمل به إنه سميع مجيب. ¤


http://islamicurdubooks.com/ 2005-2023 islamicurdubooks@gmail.com No Copyright Notice.
Please feel free to download and use them as you would like.
Acknowledgement / a link to www.islamicurdubooks.com will be appreciated.