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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
آداب اور اجازت طلب کرنا
अख़लाक़ और अनुमति मांगना
1837. بچے اور بچی کی طرف سے عقیقہ کرنا، اور لفظ عقیقہ کو مکروہ سمجھنا
“ लड़के और लड़की की ओर से यक़ीक़ह करना और शब्द यक़ीक़ह पसंद नहीं ”
حدیث نمبر: 2739
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" إن الله لا يحب العقوق، وكانه كره الاسم".-" إن الله لا يحب العقوق، وكأنه كره الاسم".
سیدنا عبداللہ بن عمرو رضی اللہ عنہ سے روایت ہے، وہ کہتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم سے عقیقہ کے بارے میں دریافت کیا گیا۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے (‏‏‏‏جواباً) فرمایا: اللہ تعالیٰ «عقوق» (‏‏‏‏یعنی بدسلوکی و نافرمانی) کو ناپسند کرتا ہے۔ ایسے معلوم ہوتا تھا کہ لفظ «عقيقه» آپ صلی اللہ علیہ وسلم کو ناپسند ہے۔ صحابہ نے کہا: اے اللہ کے رسول! ہم آپ سے یہ پوچھنا چاہتے ہیں کہ جب ہم میں سے کسی کا بچہ پیدا ہوتا ہے (‏‏‏‏تو اس کا عقیقہ ہونا چاہیئے یا نہیں)۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جو اپنے بچے کی طرف سے جانور ذبح کرنا چاہتا ہے وہ کرے، بچے کی طرف سے دو ہم عمر بکریاں (‏‏‏‏یا بھیڑیں، مذکر ہوں یا مونث) اور بچی کی طرف سے ایک۔
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अमरो रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है, वह कहते हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से अक़ीक़ा के बारे में पूछा गया। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने (जवाब में) फ़रमाया ! “अल्लाह तआला “अक़ूक़” « عقوق » (यानि दुर्व्यवहार और आज्ञाकारी न करना) को पसंद नहीं करता है।” ऐसा लगता था कि शब्द « عقيقه » आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को पसंद नहीं है। सहाबा ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल हम आप से यह पूछना चाहते हैं कि जब हम में से किसी का बच्चा पैदा होता है (तो उस का अक़ीक़ा होना चाहिए या नहीं)। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “जो अपने बच्चों की ओर से जानवर ज़िबह करना चाहता है वह करे, लड़के की ओर से दो एक आयु की बकरियां (या भेड़, नर हों या मादा) और लड़की की ओर से एक।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1655

قال الشيخ الألباني:
- " إن الله لا يحب العقوق، وكأنه كره الاسم ".
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‏‏‏‏أخرجه أبو داود (2842) والنسائي (2 / 188) والحاكم (4 / 238) والبيهقي
‏‏‏‏(9 / 300) وأحمد (2 / 182 و 194) من طريق داود بن قيس عن عمرو بن شعيب
‏‏‏‏عن أبيه عن جده قال: سئل رسول الله صلى الله عليه وسلم عن العقيقة، فقال:
‏‏‏‏(فذكره) . قالوا: يا رسول الله إنما نسألك عن أحدنا يولد له: قال: " من
‏‏‏‏أحب منكم أن ينسك عن ولده فليفعل، عن الغلام شاتان مكافئتان، وعن الجارية
‏‏‏‏شاة ". ولفظه لأحمد والآخرين نحوه. ولفظ الحاكم: " لا أحب العقوق ".
‏‏‏‏وهو رواية لأحمد. وقال: " صحيح الإسناد " ووافقه الذهبي.
‏‏‏‏وإنما هو حسن فقط، للخلاف المعروف في عمرو بن شعيب. نعم له شاهد أخرجه مالك
‏‏‏‏(2 / 500 / 1) عن زيد بن أسلم عن رجل من بني ضمرة عن أبيه أنه قال: فذكره
‏‏‏‏بلفظ الحاكم.
‏‏‏‏قلت: وهذا شاهد لا بأس به، فالرجل الضمري شيخ زيد بن أسلم الظاهر أنه تابعي
‏‏‏‏إن لم يكن صحابيا، فإن زيد هذا من التابعين الثقات، فالحديث به صحيح.
‏‏‏‏(مكافئتان) يعني متساويتين في السن. وقيل: أي مستويتان، أو متقاربتان.
‏‏‏‏واختار الخطابي الأول، كما في " النهاية ".
‏‏‏‏__________جزء : 4 /صفحہ : 213__________
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‏‏‏‏و (الشاة) : الواحدة من الضأن
‏‏‏‏والمعز والظباء والبقر والنعام وحمر الوحش. كما في " المعجم الوسيط ". ¤


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