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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
فضائل و مناقب اور معائب و نقائص
फ़ज़िलतें, विशेषताएं, कमियां और बुराइयाँ
2164. آپ صلی اللہ علیہ وسلم حق گو تھے
“ रसूल अल्लाह ﷺ सच ही बोला करते थे ”
حدیث نمبر: 3210
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" اكتب، فوالذي نفسي بيده ما يخرج منه إلا حق".-" اكتب، فوالذي نفسي بيده ما يخرج منه إلا حق".
سیدنا عبداللہ بن عمرو رضی اللہ عنہ کہتے ہیں: میں جو کچھ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم سے سنتا تھا، اسے یاد کرنے کی غرض سے لکھ لیتا تھا، مجھے قریشیوں نے ایسا کرنے سے روک دیا اور کہا: کیا تو ہر بات لکھ لیتا ہے، جبکہ صورتحال یہ ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم بشر ہیں، جو ناراضگی اور خوشی میں باتیں کرتے ہیں۔ پس میں نے لکھنا ترک کر دیا اور جب یہ (‏‏‏‏ قریشیوں والی بات) رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو بتائی گئی تو نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے اپنے منہ کی طرف انگلی سے اشارہ کیا اور فرمایا: لکھتا رہے، اس ذات کی قسم جس کے ہاتھ میں میری جان ہے! میرے منہ سے سوائے حق کے کچھ نہیں نکلتا۔
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अमरो रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि मैं जो कुछ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सुनता था, उसे याद करने की नियत से लिख लेता था, मुझे क़ुरैश ने ऐसा करने से रोक दिया और कहा ! क्या तू हर बात लिख लेता है, जबकि बात यह है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बशर हैं, जो नाराज़गी और ख़ुशी की हालत में बातें करते हैं। बस मैं ने लिखना छोड़ दिया और जब यह (‏‏‏‏ क़ुरैश वाली बात) रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को बताई गई तो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने मुंह की ओर ऊँगली से इशारा किया और फ़रमाया ! “लिखता रह, उस ज़ात की क़सम जिस के हाथ में मेरी जान है, मेरे मुंह से सिवाए सच के कुछ नहीं निकलता।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1532

قال الشيخ الألباني:
- " اكتب، فوالذي نفسي بيده ما يخرج منه إلا حق ".
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‏‏‏‏أخرجه أبو داود (2 / 124 - 125) والدارمي (1 / 125) والحاكم (1 / 105 -106)
‏‏‏‏وأحمد (2 / 162 و 192) عن الوليد بن عبد الله عن يوسف بن ماهك عن
‏‏‏‏عبد الله بن عمرو قال: " كنت أكتب كل شيء أسمعه من رسول الله صلى الله
‏‏‏‏عليه وسلم أريد حفظه، فنهتني قريش، وقالوا: أتكتب كل شيء ورسول الله صلى
‏‏‏‏الله عليه وسلم بشر يتكلم في الغضب والرضى! فأمسكت عن الكتاب، فذكرت لرسول
‏‏‏‏الله صلى الله عليه وسلم ، فأومأ بإصبعه إلى فيه، فقال: فذكره. وقال الحاكم
‏‏‏‏: " رواة هذا الحديث قد احتجا بهم عن آخرهم غير الوليد هذا، وأظنه الوليد بن
‏‏‏‏أبي الوليد الشامي، فإنه الوليد بن عبد الله وقد غلبت على أبيه الكنية، فإن
‏‏‏‏كان كذلك فقد احتج به مسلم ". كذا قال، وإنما هو الوليد بن عبد الله بن أبي
‏‏‏‏مغيث مولى بني الدار حجازي، وهو ثقة كما قال ابن معين وابن حبان. ¤


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