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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
ابتدائے (مخلوقات)، انبیا و رسل، عجائبات خلائق
जगत निर्माण, नबी और रसूलों का ज़िक्र और चमत्कार
2484. انبیاء کی تعداد، رسول اور نبی میں فرق، آدم و نوح اور نوح و ابراہیم علیہم السلام کا درمیانی فاصلہ
“ नबियों की संख्या ، रसूल और नबी के बीच अंतर ، आदम और नूह और नूह और इब्राहीम अलैहिमुस्सलाम के बीच की दूरी ”
حدیث نمبر: 3830
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
- (كان بين آدم ونوح عشرة قرون، وبين نوح وإبراهيم عشرة قرون)- (كان بين آدمَ ونوحٍ عشرةُ قرونِ، وبين نوحٍ وإبراهيم عشرةُ قرونٍ)
سیدنا ابوامامہ رضی اللہ عنہ کہتے ہیں: ایک آدمی نے کہا: اے اللہ کے رسول! کیا آدم علیہ السلام نبی تھے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ہاں، وہ تعلیم دیے گئے تھے اور ان سے (‏‏‏‏اللہ تعالیٰ کی طرف سے) کلام بھی کی گئی تھی۔ اس نے کہا: ان کے اور نوح علیہ السلام کے مابین کتنا فاصلہ ہے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: دس صدیاں (‏‏‏‏یا دس زمانے)۔ اس نے کہا: نوح علیہ السلام اور ابراہیم علیہ السلام کے درمیان کتنا فاصلہ ہے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: دس صدیاں۔ پھر صحابہ نے پوچھا: اے اللہ کے رسول! کل کتنے رسول ہو گزرے ہیں؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: تین سو پندرہ، جم غفیر ہے۔
हज़रत अबु उमामह रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं, एक आदमी ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल ! क्या आदम अलैहिस्सलाम नबी थे ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि “हाँ, वह सिखा दिए गए थे और उनसे (अल्लाह तआला की ओर से) बात भी की गई थी।” उसने कहा कि उनके और नूह अलैहिस्सलाम के बीच में कितना समय है ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि “दस सदियाँ।” उसने कहा कि नूह अलैहिस्सलाम और इब्राहीम अलैहिस्सलाम के बीच कितना समय है ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि “दस सदियाँ।” फिर सहाबा ने पूछा कि ऐ अल्लाह के रसूल, सब मिलाकर कितने रसूल गुज़रे हैं ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि “तीन सौ पन्द्रह, एक भीड़ है।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 3289

قال الشيخ الألباني:
- (كان بين آدمَ ونوحٍ عشرةُ قرونِ، وبين نوحٍ وإبراهيم عشرةُ قرونٍ)
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‏‏‏‏
‏‏‏‏أخرجه الحاكم (2/262) ، والطبراني في "المعجم الكبير" (8/139-145) ،
‏‏‏‏وفي "المعجم الأوسط " (1/24/2/398- بترقيمي) من طريق أبي توبة الربيع بن نافع الحلبي: ثنا معاوية بن سلام: حدثني زيد بن سلام أنه سمع أبا سلام
‏‏‏‏يقول: حدثني أبو أمامة رضي الله عنه:
‏‏‏‏أن رجلاً قال: يا رسول الله! أنبي كان آدم؟ قال:
‏‏‏‏"نعم، مُعلَّمٌ مُكلَّمٌ ".
‏‏‏‏__________جزء : 7 /صفحہ : 852__________
‏‏‏‏
‏‏‏‏قال: كم بينه وبين نوح؟ قال:
‏‏‏‏" عشرة قرون ".
‏‏‏‏قال: كم كان بين نوح وإبراهيم؟ قال:
‏‏‏‏" عشرة قرون ".
‏‏‏‏قالوا: يا رسول الله! كم كانت الرسل؟ قال:
‏‏‏‏"ثلاث مئة وخمسة عشر، جمّاً غفيراً".
‏‏‏‏وقال الحاكم- والسياق له-:
‏‏‏‏"صحيح على شرط مسلم ". ووافقه الذهبي.
‏‏‏‏وقال الطبراني:
‏‏‏‏"تفرد به معاوية بن سلام ".
‏‏‏‏قلت: وهو ثقة من رجال مسلم، كما أشار إلى ذلك الحاكم. وقال الهيثمي (8/210) :
‏‏‏‏"رواه الطبراني، ورجاله رجال الصحيح؛ غير أحمد بن خليد الحلبي، وهو
‏‏‏‏ثقة".
‏‏‏‏قلت: هو ممن أكثر عنهم الطبراني في "المعجم الأوسط "، فروى له فيه ثمانين حديثاً (388- 468) ، وذكره ابن حبان في "الثقات " (8/53) ، وقال فيه الحافظ الذهبي في "السير" (13/489) :
‏‏‏‏"ما علمت به بأساً".
‏‏‏‏__________جزء : 7 /صفحہ : 853__________
‏‏‏‏
‏‏‏‏قلت: ومع هذا؛ فهو متابع عند الحاكم من الحافظ عثمان بن سعيد الدارمي.
‏‏‏‏وقد وجدت للشطر الثاني من حديث الترجمة شاهداً موقوفاً قوياً من حديث
‏‏‏‏ابن عباس- رضي الله عنهما- قال:
‏‏‏‏"كان بين نوح وآدم عشرة قرون، كلهم على شريعة من الحق؛ فاختلفوا؛ فبعث الله النبيين مبشرين ومنذرين، قال: وكذلك هي في قراءة عبد الله: (كان الناس أمة واحدة فاختلفوا) ".
‏‏‏‏أخرجه الطبري في "تفسيره " (2/ 194) ، والحاكم (2/546- 547) وقال: "صحيح على شرط البخاري ". ووافقه الدهبي.
‏‏‏‏قلت: كنت خرجت هذا الحديث من مصدر مخطوط فيما تقدم برقم (2668) ، ومن مصادر أخرى مطبوعة، لم يقع في بعضها الشطر الثاني من حديث الترجمة، فرأيت أن أبرزه هنا وأفرده بالتخريج، وأن أقويه بهذا الشاهد الصحيح عن ابن عباس؛ فإنه وإن كان موقوفاً رواية؛ فهو مرفوع دراية؛ فإنه في تفسير قوله تعالى: (كان الناس أمة واحدة فبعث الله النبيين مبشرين ومنذرين) [البقرة: 213] ، وبخاصة أنه من رواية ترجمان القرآن عبد الله بن عباس-رضي الله عنهما-، وفيه ما يؤكد رفعه، وهو قوله: "وكذلك هي في قراءة عبد الله.. " يعني: عبد الله بن مسعود رضي الله عنه.
‏‏‏‏وفيه فائدة هامة؛ وهي أن الناس كانوا في أول عهدهم أمة واحدة على
‏‏‏‏التوحيد الخالص، ثم طرأ عليهم الشرك، خلافاً لقول بعض الفلاسفة والملاحدة؛ أن الأصل فيهم الشرك ثم طرأ عليهم التوحيد! ويبطل قولهم هذا الحديثُ وغيرهُ مما هو نصٌّ في نبوة أبيهم آدم عليه السلام، إلى أدلة أخرى كنت ذكرت بعضها في
‏‏‏‏__________جزء : 7 /صفحہ : 854__________
‏‏‏‏
‏‏‏‏كتابي"تحذير الساجد" (ص 147- 150) ، فراجعه فإنه مهم. * ¤


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