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जुमा के बारे में
1. “ जुमा की नमाज़ का फ़र्ज़ होना ”
2. “ जुमा के दिन ख़ुश्बू लगाना सुन्नत है ”
3. “ जुमा की नमाज़ की फ़ज़ीलत ”
4. “ जुमा की नमाज़ के लिए तेल लगाना सुन्नत है ”
5. “ जुमा के दिन सबसे अच्छे कपड़े पहने ”
6. “ जुमा के दिन मिस्वाक करना सुन्नत है ”
7. “ जुमा के दिन फ़ज्र की नमाज़ में क्या पढ़ा जाए ”
8. “ जुमा की गांवों और शहरों दोनों में अनुमति है ”
9. “ जिसे जुमा के लिए आना ज़रूरी नहीं, क्या उस पर ग़ुस्ल जुमा वाजिब है ? ”
10. “ जुमा की नमाज़ के लिए कितनी दूर से आना चाहिए और किस किस पर वाजिब है ”
11. “ यदि जुमा के दिन गर्मी हो तो क्या करें ? ”
12. “ जुमा के दिन पैदल चलने के बारे में ”
13. “ कोई भी मुसलमान जुमा के दिन अपने भाई को उठाकर उसकी जगह पर न बैठे ”
14. “ जुमा की अज़ान के बारे में ”
15. “ जुमा के दिन एक मुअज़्ज़न का होना बहतर है ”
16. “ इमाम मिम्बर पर हो और अज़ान सुने तो उसे अज़ान का जवाब देना चाहिए ”
17. “ ख़ुत्बा मिम्बर पर देना चाहिए ”
18. “ ख़ुत्बा खड़े होकर पढ़ना चाहिए ”
19. “ जो व्यक्ति ख़ुत्बे में अल्लाह की तारीफ़ के बाद “ अम्मा बाद ” « أمَّا بَعدُ » कहता है तो वह सुन्नत के अनुसार कहता है ”
20. “ जब इमाम किसी व्यक्ति को ख़ुत्बे के बीच आते हुए देखे, तो उसे दो रकअत नमाज़ पढ़ने का हुक्म दे ”
21. “ जुमे के दिन ख़ुत्बे में बारिश के लिए दुआ मांगना ”
22. “ जुमे के दिन जब इमाम ख़ुत्बा दे रहा हो तो चुप रहना चाहिए ”
23. “ जुमे के दिन वह घड़ी जिस में दुआ स्वीकार की जाती है वह कितनी देर रहती है ”
24. “ यदि जुमे की नमाज़ में लोग इमाम को छोड़ कर भाग जाएं ”
25. “ जुमे की नमाज़ के बाद और पहले नफ़िल नमाज़ पढ़ना ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
جمعہ کا بیان
जुमा के बारे में
نماز جمعہ کی فضیلت۔
“ जुमा की नमाज़ की फ़ज़ीलत ”
حدیث نمبر: 494
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے رویت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جو شخص جمعہ کے دن مثل غسل جنابت کے (خوب اچھی طرح) غسل کرے، اس کے بعد (نماز کے لیے) چلے تو گویا اس نے ایک اونٹ کا صدقہ کیا اور جو دوسری گھڑی میں چلے تو گویا اس نے ایک گائے صدقہ کی اور جو تیسری گھڑی میں چلے تو گویا اس نے ایک سینگوں والا مینڈھا صدقہ کیا اور جو چوتھی گھڑی میں چلے تو گویا اس نے ایک مرغی صدقہ میں دی اور جو پانچویں گھڑی میں چلے تو اس نے گویا ایک انڈا صدقہ میں دیا پس جس وقت امام (خطبہ دینے) نکل آتا ہے تو فرشتے خطبہ سننے کے لیے اندر آ جاتے ہیں (اور ثواب کا سلسلہ موقوف ہو جاتا ہے)۔

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