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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
بیماری، نماز جنازہ، قبرستان
बीमारी, नमाज़ जनाज़ा और क़ब्रस्तान
1149. مومن اور کافر کی موتوں کے منظر، عالم برزخ میں مومنوں کی ارواح کا آپس میں تعارف
“ मोमिन और काफ़िर की मौत का दृश्य ، बरज़ख़ में मोमिनों की आत्माओं की आपस में बातचीत ”
حدیث نمبر: 1712
پی ڈی ایف بنائیں مکررات اعراب Hindi
-" إذا حضر المؤمن اتته ملائكة الرحمة بحريرة بيضاء، فيقولون: اخرجي راضية مرضيا عنك إلى روح الله وريحان ورب غير غضبان، فتخرج كاطيب ريح المسك، حتى إنه ليناوله بعضهم بعضا، حتى ياتون به باب السماء، فيقولون: ما اطيب هذه الريح التي جاءتكم من الارض! فياتون به اروح المؤمنين، فلهم اشد فرحا به من احدكم بغائبه يقدم عليه، فيسالونه: ماذا فعل فلان؟ ماذا فعل فلان؟ فيقولون: دعوه فإنه كان في غم الدنيا، فإذا قال: اما اتاكم؟ قالوا: ذهب به إلى امه الهاوية. وإن الكافر إذا احتضر اتته ملائكة العذاب بمسح، فيقولون: اخرجي ساخطة مسخوطا عليك إلى عذاب الله عز وجل، فتخرج كانتن ريح جيفة حتى ياتون به باب الارض، فيقولون: ما انتن هذه الريح! حتى ياتون به ارواح الكفار".-" إذا حضر المؤمن أتته ملائكة الرحمة بحريرة بيضاء، فيقولون: اخرجي راضية مرضيا عنك إلى روح الله وريحان ورب غير غضبان، فتخرج كأطيب ريح المسك، حتى إنه ليناوله بعضهم بعضا، حتى يأتون به باب السماء، فيقولون: ما أطيب هذه الريح التي جاءتكم من الأرض! فيأتون به أروح المؤمنين، فلهم أشد فرحا به من أحدكم بغائبه يقدم عليه، فيسألونه: ماذا فعل فلان؟ ماذا فعل فلان؟ فيقولون: دعوه فإنه كان في غم الدنيا، فإذا قال: أما أتاكم؟ قالوا: ذهب به إلى أمه الهاوية. وإن الكافر إذا احتضر أتته ملائكة العذاب بمسح، فيقولون: اخرجي ساخطة مسخوطا عليك إلى عذاب الله عز وجل، فتخرج كأنتن ريح جيفة حتى يأتون به باب الأرض، فيقولون: ما أنتن هذه الريح! حتى يأتون به أرواح الكفار".
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جب مومن کی موت کا وقت آتا ہے تو فرشتے ریشم کا سفید کپڑا لے کر آتے ہیں اور کہتے ہیں: (اے روح!) اللہ تعالیٰ کی رحم و مہربانی کی طرف اور ایسے رب کی طرف نکل جو غصے میں نہیں ہے، اس حال میں کہ تو بھی خوش ہے اور تیرا رب بھی تجھ پر خوش ہے۔ جب وہ روح نکلتی ہے تو کستوری کی پاکیزہ ترین خوشبو آتی ہے، فرشتے اسے وصول کر کے ایک دوسرے کو تھماتے رہتے ہیں، یہاں تک کہ آسمان کے دراوازے تک پہنچ جاتے ہیں۔ آسمان کے فرشتے کہتے ہیں: کتنی پیاری خوشبو ہے جو زمین کی طرف سے آئی ہے۔ فرشتے اس روح کو مومنوں کی ارواح میں لے جاتے ہیں۔ اس کی آمد سے انہیں بہت خوشی ہوتی ہے جیسے پردیسی کے آنے سے ہم خوش ہوتے ہیں، پہلے سے موجود روحیں اس روح سے سوال کرتی ہیں: فلاں کیسے تھا؟ فلاں کی سنائیں؟ وہ جواب دیتی ہے: اسے چھوڑئیے، وہ تو دنیوی فکر و غم میں مبتلا تھا۔ (اور فلاں تو مجھ سے پہلے مر چکا تھا کیا اس کی روح) تمہارے پاس نہیں آئی؟ وہ کہتی ہیں: (نہیں، اور یہاں نہ پہنچنے کا مطلب یہ ہوا کہ) وہ اپنے ٹھکانے ہاویہ (جہنم) میں پہنچ چکی ہے۔ (مومن کے برعکس) جب کافر کی موت کا وقت آتا ہے تو عذاب والے فرشتے ایک ٹاٹ لے کر آتے ہیں اور کہتے ہیں: (اے روح!) اللہ کے عذاب کی طرف نکل، اس حال میں کہ تو بھی ناپسند کر رہی ہے اور تیرا رب بھی تجھ سے ناراض ہے، بہرحال وہ نکلتی ہے اور اس سے سڑی ہوئی لاش کی طرح کی بدترین بدبو آتی ہے، فرشتے اسے وصول کر کے زمیں کے دروازے پر لے جاتے ہیں اور کفار کی ارواح میں پہنچا دیتے ہیں۔ (راستے میں ملنے والے) فرشتے کہتے ہیں: کتنی بدترین بدبو ہے!
हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “जब मोमिन की मौत का समय आता है तो फ़रिश्ते रेशम का सफ़ेद कपड़ा लेकर आते हैं और कहते हैं कि (ऐ आत्मा) अल्लाह तआला की रहम की ओर और ऐसे रब्ब की ओर निकल जो ग़ुस्से में नहीं है, इस हाल में कि तू भी ख़ुश है और तेरा रब्ब भी तुझ पर ख़ुश है। जब वह आत्मा निकलती है तो कस्तूरी की पवित्र ख़ुश्बू आती है, फ़रिश्ते उसे लेकर के एक दूसरे को थमाते रहते हैं, यहाँ तक कि आसमान के दरवाज़े तक पहुंच जाते हैं। आसमान के फ़रिश्ते कहते हैं कि कितनी प्यारी ख़ुश्बू है जो ज़मीन की ओर से आई है। फ़रिश्ते उस आत्मा को मोमिनों की आत्माओं में ले जाते हैं। उस के आने से उन्हें बहुत ख़ुशी होती है जैसे परदेसी के आने से हम ख़ुश होते हैं, पहले से मौजूद आत्माएँ उस आत्मा से सवाल करती हैं कि फ़ुलां कैसे था ? फ़ुलां की सुनाओ वह जवाब देती है, उसे छोड़िये वह तो दुनिया की चिंता और ग़म में पड़ा था। (और फ़ुलां तो मुझ से पहले मर चूका था क्या उस की आत्मा) तुम्हारे पास नहीं आई ? वे कहती हैं वह अपने ठिकाने “हावियह” (जहन्नम) में पहुंच चुकी है। (मोमिन के बदले) जब काफ़िर की मौत का समय आता है तो अज़ाब वाले फ़रिश्ते एक टाट लेकर आते हैं और कहते हैं कि (ऐ आत्मा) अल्लाह के अज़ाब की ओर निकल इस हाल में कि तू भी पसंद नहीं कर रही है और तेरा रब्ब भी तुझ से नाराज़ है, बहरहाल वह निकलती है और उस से सड़ी हुई लाश की तरह की बुरी बदबू आती है, फ़रिश्ते उसे ले लेकर के ज़मीन के दरवाज़े पर ले जाते हैं और काफ़िरों की आत्माओं में पहुंचा देते हैं। (रस्ते में मिलने वाले) फ़रिश्ते कहते हैं कि कितनी बुरी बदबू है।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1309

قال الشيخ الألباني:
- " إذا حضر المؤمن أتته ملائكة الرحمة بحريرة بيضاء، فيقولون: اخرجي راضية مرضيا عنك إلى روح الله وريحان ورب غير غضبان، فتخرج كأطيب ريح المسك، حتى إنه ليناوله بعضهم بعضا، حتى يأتون به باب السماء، فيقولون: ما أطيب هذه الريح التي جاءتكم من الأرض! فيأتون به أروح المؤمنين، فلهم أشد فرحا به من أحدكم بغائبه يقدم عليه، فيسألونه: ماذا فعل فلان؟ ماذا فعل فلان؟ فيقولون : دعوه فإنه كان في غم الدنيا، فإذا قال: أما أتاكم؟ قالوا: ذهب به إلى أمه الهاوية. وإن الكافر إذا احتضر أتته ملائكة العذاب بمسح، فيقولون: اخرجي ساخطة مسخوطا عليك إلى عذاب الله عز وجل، فتخرج كأنتن ريح جيفة حتى يأتون به باب الأرض، فيقولون: ما أنتن هذه الريح! حتى يأتون به أرواح الكفار ".
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‏‏‏‏أخرجه النسائي (1 / 260) وابن حبان (733) والحاكم (1 / 352 و 353) من
‏‏‏‏طريق قتادة عن قسامة بن زهير عن أبي هريرة أن النبي صلى الله عليه وسلم قال
‏‏‏‏: فذكره. وقال الحاكم:
‏‏‏‏" صحيح الإسناد ". ووافقه الذهبي وهو كما قالوا. ¤


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