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फ़ज़िलतें, विशेषताएं, कमियां और बुराइयाँ
2134. “ रसूल अल्लाह ﷺ की फ़ज़ीलतें और तारीफ़ और आप ﷺ जन्नत के दरवाज़े पर सबसे पहले दस्तक देंगे ”
2135. “ रसूल अल्लाह ﷺ को पूरे पूरे और मुहर बंद शब्द दिए गए ”
2136. “ रसूल अल्लाह ﷺ की बद दुआ भी रहमत और पवित्रता का कारण बनजाती थी ”
2137. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने अपने ऊपर लगे आरोपों का कैसे जवाब दिया ? ”
2138. “ रसूल अल्लाह ﷺ की रहमदिली ”
2139. “ रसूल अल्लाह ﷺ को नबी बनाने का फ़ैसला कब किया गया ”
2140. “ रसूल अल्लाह ﷺ का मज़ाक़ भी सच्चाई से भरा होता था ”
2141. “ रसूल अल्लाह ﷺ रहमत थे ”
2142. “ रसूल अल्लाह ﷺ दुश्मनों के लिए भी रहमत थे ”
2143. “ ऊंट अपने मालिक के बारे में रसूल अल्लाह ﷺ से शिकायत करता है ”
2144. “ दुनिया और आसमान की हर चीज़ जानती है कि रसूल अल्लाह ﷺ अल्लाह के रसूल हैं सिवाए ... ”
2145. “ रसूल अल्लाह ﷺ की अंगूठी की छवि ”
2146. “ रसूल अल्लाह ﷺ एक प्रचारक और बांटने वाले थे ”
2147. “ रसूल अल्लाह ﷺ बनि किनानह से थे ”
2148. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत सबसे बड़ी है ”
2149. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत का हिसाब किताब सबसे पहले होगा ”
2150. “ रसूल अल्लाह ﷺ सबसे अधिक तक़वा वाले थे ”
2151. “ रसूल अल्लाह ﷺ आदम की औलाद के सरदार हैं ”
2152. “ पेड़ और पत्थर भी रसूल अल्लाह ﷺ को सलाम करते थे ”
2153. “ रसूल अल्लाह ﷺ की शान में झूठ से काम नहीं लेना चाहिए ”
2154. “ रसूल अल्लाह ﷺ का “ आतिकह ” के बारे में बताना ”
2155. “ फ़रिश्ते रसूल अल्लाह ﷺ को उम्मत का दुरुद पहुँचाते हैं ”
2156. “ फ़रिश्ते रसूल अल्लाह ﷺ के ख़िलाफ़ कुरैश सरदारों की योजना ، लेकिन असफल रहे ”
2157. “ यदि अबू जहल रसूल अल्लाह ﷺ की गर्दन रौंदता तो ”
2158. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत सबसे बड़ी होगी ”
2159. “ रसूल अल्लाह ﷺ एक प्रचार करने वाले थे ، तकलीफ़ देने वाले नहीं ”
2160. “ प्रचार के लिए रसूल अल्लाह ﷺ का उत्साह ”
2161. “ अच्छे कामों के लिए रसूल अल्लाह ﷺ का उत्साह, मज़लूमों की सहायता करने की उनकी इच्छा ”
2162. “ रसूल अल्लाह ﷺ अपने मक़सद पर डटे रहे ”
2164. “ रसूल अल्लाह ﷺ सच ही बोला करते थे ”
2165. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने कसरा को इस्लाम की ओर बुलाया ”
2166. “ रसूल अल्लाह ﷺ का रूप-रंग ”
2167. “ रसूल अल्लाह ﷺ की नींद का बयान ”
2168. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने भूख से अपने पेट पर पत्थर बांधा ”
2169. “ हज़रत इब्राहिम ، हज़रत मूसा ، हज़रत ईसा अलैहिमुस्सलाम और रसूल अल्लाह ﷺ की ख़ूबियाँ ”
2170. “ रसूल अल्लाह ﷺ की ख़ास ख़ूबियाँ ”
2171. “ क़ुरआन मजीद के लिए रसूल अल्लाह ﷺ का भेद-भाव ”
2172. “ रसूल अल्लाह ﷺ के सामने इबलीस की हार ”
2173. “ रसूल अल्लाह ﷺ को सपने में देखना ”
2174. “ उम्महातुल मोमिनीन यानि रसूल अल्लाह ﷺ की पत्नियों की फ़ज़ीलत ”
2175. “ रसूल अल्लाह ﷺ के परिवार के पक्ष में एक अच्छे आदमी की फ़ज़ीलत ”
2176. “ जन्नत की चार अफ़ज़ल औरतें ”
2177. “ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा के लिए क्षमा की दुआ ”
2178. “ हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2179. “ हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्ह को सिद्दीक़ क्यूँ कहा जाता है ”
2180. “ हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्ह अफ़ज़ल ख़लीफ़ा थे ”
2181. “ हज़रत उमर बिन ख़त्ताब रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2182. “ रसूल अल्लाह ﷺ के वैवाहिक और पारिवारिक रिश्तों का बयान ”
2183. “ हज़रत उस्मान बिन अफ़्फ़ान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2184. “ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2185. “ हज़रत फ़ातिमा रज़ि अल्लाहु अन्हा की फ़ज़ीलत ”
2186. “ हज़रत ज़ैनब रज़ि अल्लाहु अन्हा की फ़ज़ीलत ”
2187. “ हज़रत हसन और हुसैन रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की फ़ज़ीलत ”
2188. “ हज़रत हसन और हुसैन रज़ि अल्लाहु अन्हुमा और उनके माता पिता का सम्मान ”
2189. “ हज़रत हुसैन की शहादत की भविष्यवाणी ، हज़रत हसन रज़ी अल्लाह अन्हुमा के क़त्ल का बयान ”
2190. “ अहल-ए-बेत यानि रसूल अल्लाह ﷺ के परिवार की फ़ज़ीलत ”
2191. “ अल्लाह की किताब और अहल-ए-बेत यानि रसूल अल्लाह ﷺ के परिवार की एहमियत ”
2192. “ हज़रत आसियह और हज़रत मरयम अलैहिमुस्सलाम की फ़ज़ीलत ”
2193. “ हज़रत जआफ़र अबू तालिब रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2194. “ सहाबा की फ़ज़ीलत ”
2195. “ साहब को बुरा कहने वाले पर लाअनत ”
2196. “ रसूल अल्लाह ﷺ के साथ रहने की फ़ज़ीलत ”
2197. “ सहाबा रज़ि अल्लाह अन्हुम की विशेषताएं ”
2198. “ कुछ क़बीलों की विशेषताएं ”
2199. “ रसूल अल्लाह ﷺ के बाद सहाबा का समय सबसे अच्छा था ”
2200. “ महाजिरों की फ़ज़ीलत ”
2201. “ रसूल अल्लाह ﷺ की अन्सारी सहाबा से मुहब्बत ”
2202. “ अन्सारियों की फ़ज़ीलत ”
2203. “ अन्सारियों का घर यानि माता पिता का घर ”
2204. “ एक अन्सारी की मेज़बानी ”
2205. “ सहाबा ، ताबईन और उनके बाद वालों की फ़ज़ीलत ”
2206. “ बिन देखे रसूल अल्लाह ﷺ पर ईमान लाने वालों की फ़ज़ीलत ”
2207. “ हिन्द की जंग के साथियों और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का साथ देने वालों की फ़ज़ीलत ”
2208. “ हज़रत उसामा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2209. “ हज़रत बिलाल रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2210. “ रसूल अल्लाह ﷺ के सेवक के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की दुआएं और उनका फल ”
2211. “ हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2212. “ हज़रत अब्दुल्लाह रज़ि अल्लाहु अन्ह को अनुमति देने का एक विशेष ढंग ”
2213. “ अब्दुल्ला बिन मसऊद सुन्नत के पाबंद थे और अल्लाह को याद करने वाली सभा को बुरा कहने का कारण ”
2214. “ हज़रत हिशाम और हज़रत अमरो रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की फ़ज़ीलत ”
2215. “ हज़रत अबू सुफ़ियान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2216. “ बदर वालों की फ़ज़ीलत ”
2217. “ कौन कौन और क्या क्या अफ़ज़ल है ”
2218. “ क़िब्तियों के साथ अच्छा व्यवहार करने की नसिहत ”
2219. “ उम्मत की परीक्षा और रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश ”
2220. “ हज़रत उसामा की फ़ज़ीलत ”
2221. “ हज़रत सव्वाद से रसूल अल्लाह ﷺ की मुहब्बत का बयान ”
2222. “ क़ुरैशियों की फ़ज़ीलत ”
2223. “ एक क़ुरैशी दो ग़ैर क़ुरैशियों के बराबर क्यूँ ”
2224. “ क़ुरैशी औरतों की विशेषता और फ़ज़ीलत ”
2225. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने क़ुरैश साथियों को तरजीह दी ”
2226. “ रसूल अल्लाह ﷺ के बाद सबसे पहले क़बीला क़ुरेशा ख़तम होगा ”
2227. “ असलम और ग़िफ़ार क़बीले के लिए दुआ ”
2228. “ कुछ और अरबी क़बीलों की फ़ज़ीलत ”
2229. “ नख़अ क़बीले की फ़ज़ीलत ”
2230. “ हज़रमोत क़बीले की फ़ज़ीलत ”
2231. “ अब्दुलक़ैस क़बीले की फ़ज़ीलत ”
2232. “ अज़दी लोगों की फ़ज़ीलत ”
2233. “ दहिया कल्बी और जिब्रईल अलैहिस्सलाम के रूप बहुत मिलते जुलते हैं ”
2234. “ बाद में आने वाले उम्मतियों से रसूल अल्लाह ﷺ की मुहब्बत ”
2235. “ हज़रत अरक़म रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2236. “ हज़रत अबु दहदाह रज़ि अल्लाहु अन्ह का लाभदायक व्यापार ”
2237. “ बिना हिसाब किताब के जन्नत में जाने वाले उम्मती ”
2238. “ जुमा के दिन की फ़ज़ीलत ”
2239. “ हज़रत मुआवियह रज़ि अल्लाहु अन्ह के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की दुआ ”
2240. “ रसूल अल्लाह ﷺ की हज़रत मुआवियह रज़ि अल्लाहु अन्ह के पक्ष में डांट डपट या उनकी फ़ज़ीलत ”
2241. “ हज़रत हुज़ैफ़ा और उनकी मां रज़ि अल्लाहु अन्हुम के पक्ष में दुआ ”
2242. “ मुसलामनों के पक्ष में क्षमा की दुआ ”
2243. “ हज़रत सअद बिन अबि वक़ास रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2244. “ हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्ह के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की दुआ ”
2245. “ हज़रत जअफ़र और हज़रत ज़ैद रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की फ़ज़ीलत ”
2246. “ हज़रत ख़ालिद बिन वलीद रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2247. “ मुस्लिम उम्मत गुमराह करने पर सहमत नहीं हो सकती ”
2248. “ पंद्रह शअबान की रात की फ़ज़ीलत ”
2249. “ अल्लाह के दोस्तों की विशेषताएं ”
2250. “ कवि के रूप में हज़रत हस्सान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2251. “ हज़रत हन्ज़लह रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2252. “ हज़रत मआज़ बिन जबल रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2253. “ बुराई का इन्कार करने वाले मुसलमानों की फ़ज़ीलत ”
2254. “ मोमिन की मिसाल खजूर जैसी क्यूँ है ? ”
2255. “ क़बीला मुज़िर की फ़ज़ीलत ”
2256. “ हज़रत सफ़ीना रज़ि अल्लाहु अन्ह की पहचान ”
2257. “ हज़रत अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2258. “ हज़रत जरीर रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2259. “ हज़रत तल्हा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2260. “ चोट लगे तो बिस्मिल्लाह कहना चाहिए ”
2261. “ चार बहने सहाबियात हैं ”
2262. “ हज़रत अबु उमामह रज़ि अल्लाहु अन्ह का चमत्कार ”
2263. “ रसूल अल्लाह ﷺ के सामने अतीत को याद करना ”
2264. “ क़ुरआन के चार शिक्षक ”
2265. “ हज़रत सालिम रज़ि अल्लाहु अन्ह एक अच्छे क़ारी ”
2266. “ दहयह कल्बी और जिब्रईल अलैहिस्सलाम की एकरूपता और उरवह बिन मसऊद सक़फ़ी और ईसा अलैहिस्सलाम की एकरूपता है ”
2267. “ हज़रत ज़ैद बिन हारिसा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2268. “ हज़रत हारिसा बिन नअमान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2269. वरक़ा की फ़ज़ीलत ”
2270. “ हातिम इसाई ”
2271. “ हिजरत के बाद किस चीज़ पर बैअत होगी ”
2272. “ हज़रत अमरो बिन हरिस रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2273. “ हज़रत सलमान फ़ारसी रज़ि अल्लाहु अन्ह के परिवार की फ़ज़ीलत ”
2274. “ हज़रत सलमान फ़ारसी रज़ि अल्लाहु अन्ह की इमान लाने की कहानी ، सच्चाई की तलाश में हज़रत सलमान फ़ारसी रज़ि अल्लाहु अन्ह की यात्रा ”
2275. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने जंग के मामलों में अपने सहाबा से सलाह ली ”
2276. “ हज़रत ज़ुबैर रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2277. “ हज़रत हम्ज़ा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2278. “ हर ज़माने में आगे बढ़जाने वाले पाए जाएंगे ”
2279. “ हज़रत अम्मार रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2281. “ हज़रत हातिब रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2282. “ हज़रत अबू तल्हा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2283. “ अबू तालिब के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश ”
2284. “ हज़रत अबू मूसा रज़ि अल्लाहु अन्ह की क़ौम की फ़ज़ीलत ”
2285. “ बदर और हुदैबियाह में भाग लेने वालों की फ़ज़ीलत ”
2286. “ मुसलमान की फ़ज़ीलत ”
2287. “ मोमिन की पवित्रता कअबे से अधिक है ”
2288. “ मतलब ”
2289. “ सूरत फ़ातेहा की अंतिम आयत की तफ़्सीर ”
2290. “ हज़रत अबू उबेदा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2291. “ एक समूह सच्चाई पर सदा खड़ा रहेगा ”
2292. “ सहाबा की बरकतें ”
2293. “ मुस्लिम उम्मत की आयु ، रसूल अल्लाह ﷺ के समय के लोगों का एक सदी में ख़त्म होना ”
2294. “ हज़रत अबू हुरैरा की खजूरों में बरकत के लिए रसूल अल्लाह ﷺ की दुआ ”
2295. “ हज़रत अबू हिन्द रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2296. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने हज़रत सफ़ियह को कैसे राज़ी किया ? ”
2297. “ एक सदी के लिए अब्दुल्ला बिन बसर रज़ि अल्लाहु अन्ह का जीवन ”
2298. “ हज़रत अबू ज़र हज़रत उनेस रज़ि अल्लाहु अन्हुमा और उनकी क़ौम ग़िफ़ार के ईमान लाने की घटना ”
2299. “ हज़रत ज़ैद बिन अमरो रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2300. “ हज़रत हारिसा बिन सराक़ा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2301. “ मदीना मुनव्वरा की फ़ज़ीलत ”
2302. “ मदीना मुनव्वरा के लिए बरकत की दुआ ”
2303. “ मदीने में बसने वालों के अधिकार ”
2304. “ मक्का मुकर्रमा और मदिना मुनव्वरा की पवित्रता का बयान ”
2305. “ हिजाज़ वालों की फ़ज़ीलत और पूरब के लोगों की निंदा ”
2306. “ शाम यानि सीरिया और वहां बसने वालों की फ़ज़ीलत ”
2307. “ हज़रत सअद बिन मआज़ रज़ि अल्लाहु अन्ह के चमत्कार और शहादत ”
2308. “ यमन में बसने वालों की फ़ज़ीलत ”
2309. “ ओवेस रहमहुल्लाह की फ़ज़ीलत ”
2310. “ अदन अबयन के बारह हज़ार लोगों के द्वारा रसूल अल्लाह ﷺ की सहायता ”
2311. “ ओमान में बसने वालों की फ़ज़ीलत ”
2312. “ अजमी लोगों की फ़ज़ीलत ”
2313. “ बनी अबू अलआस की निंदा ”
2314. “ हकम बिन अबू अलआस पर लअनत ”
2315. “ सबसे बड़े दो बदनसीब ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
المناقب والمثالب
فضائل و مناقب اور معائب و نقائص
फ़ज़िलतें, विशेषताएं, कमियां और बुराइयाँ
نبی کریم صلى اللہ علیہ وسلم کے فضائل و مناقب، آپ صلى اللہ علیہ وسلم سب سے پہلے جنت کے دروازے پر دستک دیں گے
“ रसूल अल्लाह ﷺ की फ़ज़ीलतें और तारीफ़ और आप ﷺ जन्नत के दरवाज़े पर सबसे पहले दस्तक देंगे ”
حدیث نمبر: 3169
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-" انا اول من ياخذ بحلقة باب الجنة فاقعقعها".-" أنا أول من يأخذ بحلقة باب الجنة فأقعقعها".
سیدنا انس رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ نبی اکرم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں وہ پہلا شخص ہوں جو جنت کے دروازے کا کنڈا پکڑ کر کھٹکھٹاوں گا۔ ‏‏‏‏
حدیث نمبر: 3170
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-" آتي باب الجنة يوم القيامة، فاستفتح، فيقول الخازن: من انت؟ فاقول: محمد، فيقول: بك امرت ان لا افتح لاحد قبلك".-" آتي باب الجنة يوم القيامة، فأستفتح، فيقول الخازن: من أنت؟ فأقول: محمد، فيقول: بك أمرت أن لا أفتح لأحد قبلك".
سیدنا انس بن مالک رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں روز قیامت جنت کے دروازے پر آ کر اسے کھولنے کا مطالبہ کروں گا۔ دربان پوچھے گا: آپ کون ہیں؟ میں جواب دوں گا: میں محمد ہوں۔ (‏‏‏‏یہ سن کر) وہ کہے گا: آپ کے بارے میں مجھے حکم دیا گیا تھا کہ آپ سے پہلے کسی کے لیے (‏‏‏‏جنت کا) دروازہ نہیں کھولنا۔
حدیث نمبر: 3171
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-" امشوا امامي، وخلوا ظهري للملائكة".-" امشوا أمامي، وخلوا ظهري للملائكة".
سیدنا جابر رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم باہر تشریف لائے اور اپنے صحابہ سے فرمایا: تم لوگ میرے سامنے چلو اور میری پشت (‏‏‏‏والی سمت) فرشتوں کے لیے خالی کر دو۔
حدیث نمبر: 3172
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-" رات امي كانه خرج منها نور اضاءت منه قصور الشام".-" رأت أمي كأنه خرج منها نور أضاءت منه قصور الشام".
سیدنا ابوامامہ باہلی رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میری ماں نے دیکھا کہ ایک نور ان سے خارج ہوا، جس نے شام کے محلات کو روشن کر دیا۔
حدیث نمبر: 3173
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-" سالت ربي مسالة وودت اني لم اساله، قلت: يا رب! كانت قبلي رسل منهم من سخرت له الرياح ومنهم من كان يحيي الموتى، [وكلمت موسى]. قال: الم اجدك يتيما فآويتك؟ الم اجدك ضالا فهديتك؟ الم اجدك عائلا فاغنيتك؟ الم اشرح لك صدرك ووضعت عنك وزرك؟ قال: فقلت بلى يا رب! [فوددت ان لم اساله]".-" سألت ربي مسألة وودت أني لم أسأله، قلت: يا رب! كانت قبلي رسل منهم من سخرت له الرياح ومنهم من كان يحيي الموتى، [وكلمت موسى]. قال: ألم أجدك يتيما فآويتك؟ ألم أجدك ضالا فهديتك؟ ألم أجدك عائلا فأغنيتك؟ ألم أشرح لك صدرك ووضعت عنك وزرك؟ قال: فقلت بلى يا رب! [فوددت أن لم أسأله]".
سیدنا عبداللہ بن عباس رضی اللہ عنہما بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں نے اپنے رب سے ایک سوال کیا، لیکن بعد میں چاہا کہ نہ کیا ہوتا تو بہتر ہوتا۔ میں نے کہا: اے میرے رب! مجھ سے پہلے کئی رسول گزر چکے ہیں، تو نے کسی کے لیے ہواؤں کو مسخر کیا، کوئی (‏‏‏‏ تیری توفیق سے) مردوں کو زندہ کرتا تھا اور موسیٰ علیہ السلام سے تو نے (‏‏‏‏ براہ راست) کلام کی۔ اللہ تعالیٰ نے کہا: کیا میں نے تجھے یتیم پا کر مقام نہیں دیا، کیا تجھے راہ بھولا پا کر ہدایت نہیں دی، کیا تجھے نادار پا کر تونگر نہیں بنا دیا، کیا میں نے تیرا سینہ کھول نہیں دیا اور تجھ پر سے تیرا بوجھ نہیں اتار دیا؟ میں نے کہا: کیوں نہیں، (‏‏‏‏اس طرح اللہ تعالیٰ نے مجھے چپ کرا دیا)۔ میں نے چاہا کہ میں نے سوال نہ کیا ہوتا۔
حدیث نمبر: 3174
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-" انا دعوة ابي إبراهيم، وبشرى عيسى عليهما السلام، ورات امي حين حملت بي انه خرج منها نور اضاءت له قصور الشام، واسترضعت في بني سعد بن بكر، فبينا انا في بهم لنا اتاني رجلان عليهما ثياب بيض، معهما طست من ذهب مملوء ثلجا، فاضجعاني، فشقا بطني، ثم استخرجا قلبي فشقاه فاخرجا منه علقة سوداء فالقياها، ثم غسلا قلبي وبطني بذلك الثلج، حتى إذا انقياه رداه كما كان، ثم قال احدهما لصاحبه: زنه بعشرة من امته. فوزنني بعشرة، فوزنتهم، ثم قال: زنه بمائة من امته. فوزنني بمائة فوزنتهم، ثم قال: زنه بالف من امته، فوزنني بالف فوزنتهم، فقال: دعه عنك فلو وزنته بامته لوزنهم".-" أنا دعوة أبي إبراهيم، وبشرى عيسى عليهما السلام، ورأت أمي حين حملت بي أنه خرج منها نور أضاءت له قصور الشام، واسترضعت في بني سعد بن بكر، فبينا أنا في بهم لنا أتاني رجلان عليهما ثياب بيض، معهما طست من ذهب مملوء ثلجا، فأضجعاني، فشقا بطني، ثم استخرجا قلبي فشقاه فأخرجا منه علقة سوداء فألقياها، ثم غسلا قلبي وبطني بذلك الثلج، حتى إذا أنقياه رداه كما كان، ثم قال أحدهما لصاحبه: زنه بعشرة من أمته. فوزنني بعشرة، فوزنتهم، ثم قال: زنه بمائة من أمته. فوزنني بمائة فوزنتهم، ثم قال: زنه بألف من أمته، فوزنني بألف فوزنتهم، فقال: دعه عنك فلو وزنته بأمته لوزنهم".
خالد بن معدان، اصحاب رسول سے روایت کرتے ہیں کہ انہوں نے کہا: اے اللہ کے رسول! ہمیں اپنے بارے میں بتلائیں۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ہاں، میں اپنے باپ ابراہیم ‏‏‏‏علیہ السلام کی دعا اور عیسی علیہ السلام کی بشارت ہوں، جب میری ماں کو میرا حمل ہوا تو انہوں نے دیکھا کہ ایک نور ان سے نکلا جس سے شام کے محلات روشن ہو گئے، مجھے بنو سعد بن بکر قبیلے میں دودھ پلایا گیا۔ میں وہاں بکریاں چرا رہا تھا، میرے پاس دو آدمی آئے، انہوں نے سفید کپڑے پہن رکھے تھے، ان کے پاس برف سے بھری ہوئی سونے کی پلیٹ تھی، انھوں نے مجھے لٹا دیا، میرے پیٹ کو چاک کیا، پھر دل کو نکالا، اس کو پھاڑا اور اس سے سیاہ رنگ کا بستہ خون کا ٹکڑا نکال کر پھینک دیا، پھر میرے دل اور پیٹ کو برف سے دھویا، جب انھیں صاف کر لیا تو اپنی اپنی جگہ پر لوٹا دیا۔ پھر ان میں سے ایک نے کہا: ان کی امت کے دس افراد سے ان کا وزن کرو۔ چنانچہ انہوں نے دس افراد سے میرا وزن کیا، میں بھاری رہا۔ پھر اس نے کہا: ان کی امت کے سو افراد سے ان کا وزن کرو۔ سو اس نے سو (‏‏‏‏۱۰۰) افراد سے میرا وزن کیا، میں وزنی رہا۔ پھر اس نے کہا: ہزار آدمیوں سے ان کا وزن کرو، چنانچہ اس نے ہزار افراد سے میرا وزن کیا نتیجتاً میں بھاری رہا (‏‏‏‏بلآخر) اس نے کہا: چھوڑیئے، اگر تم ان کی پوری امت سے ان کا وزن کرو تو پھر بھی یہ وزن میں غالب رہیں گے۔
حدیث نمبر: 3175
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- (وزنت بالف من امتي فرجحتهم، فجعلوا يتناثرون علي من كفة الميزان).- (وُزِنْتُ بألفٍ من أمَّتي فرجَحْتُهم، فجعلُوا يتناثرون عليَّ من كِفَّةِ الميزان).
سیدناابوذررضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میری امت کے ایک ہزار افراد سے میرا وزن کیا گیا، میں وزنی رہا (‏‏‏‏اور ان کا پلڑا اتنا اوپر کو اٹھ گیا کہ) وہ اس سے مجھ پر گرنا شروع ہو گئے۔
حدیث نمبر: 3176
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-" انا دعوة ابي إبراهيم، وكان آخر من بشر بي عيسى ابن مريم عليه الصلاة والسلام".-" أنا دعوة أبي إبراهيم، وكان آخر من بشر بي عيسى ابن مريم عليه الصلاة والسلام".
سیدنا عبادہ بن صامت رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ کسی نے کہا: اے اللہ کے رسول! ہمیں اپنے بارے میں آگاہ کیجیئے۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ہاں، میں ابراہیم علیہ السلام کی دعا ہوں اور سب سے آخر میں میری بشارت دینے والے سیدنا عیسیٰ بن مریم علیہ السلام تھے۔

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